Odisha Women Night Shift: महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की मिली मंजूरी, मगर इतने घंटे करना होगा कार्य, विधानसभा में विधेयक हुआ पारित

Odisha Women Night Shift: महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की मिली मंजूरी, मगर इतने घंटे करना होगा कार्य, विधानसभा में विधेयक हुआ पारित

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  • Publish Date - December 3, 2025 / 11:44 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 11:44 PM IST

Odisha Women Night Shift/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ओडिशा में बड़ा बदलाव
  • महिलाओं को रात की पाली की मिली मंजूरी
  • कार्य घंटे 10 तक बढ़ाए गए

भुवनेश्वर: Odisha Women Night Shift: ओडिशा विधानसभा ने बुधवार को एक विधेयक पारित किया, जिससे महिलाओं के लिए रात्रि पाली में काम करने का रास्ता साफ हो गया और दैनिक कार्य घंटे नौ से बढ़ाकर 10 कर दिए गए। विपक्षी दल बीजद और कांग्रेस के बहिर्गमन के बीच ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी गई।

महिलाओं को रात की पाली की मंजूरी (Odisha labour law 2025)

श्रम मंत्री गणेश राम सिंहखुंटिया ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह छोटे व्यवसायों और कार्यस्थलों के लिए व्यापक सुधारों की शुरुआत करता है। उन्होंने कहा कि 20 लोगों तक को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों को 1956 के अधिनियम के प्रावधानों से छूट दी जाएगी जिससे छोटे उद्यमों पर नियामकीय बोझ कम होगा।

कार्य घंटे 10 तक बढ़ाए गए (women employment rights)

Odisha Women Night Shift:  कार्य घंटों में बदलाव को स्पष्ट करते हुए सिंहखुंटिया ने कहा कि दैनिक सीमा नौ घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे की जाएगी, जबकि 48 घंटे की साप्ताहिक सीमा बरकरार रहेगी। विधेयक के प्रावधानों के तहत रात्रि पाली में महिलाओं के काम करने पर लगी रोक को भी हटा दिया गया है, बशर्ते कि वे लिखित सहमति दें और नियोक्ता उनकी सुरक्षा, गरिमा और कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करें।

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ओडिशा रात्रि पाली में महिलाओं के काम करने का नियम क्या है?

A: अब महिलाएं लिखित सहमति देने के बाद रात की पाली में काम कर सकती हैं, बशर्ते नियोक्ता उनकी सुरक्षा, गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करे।

ओडिशा में दैनिक कार्य घंटे कितने बढ़ाए गए हैं?

A: दैनिक कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 कर दिए गए हैं, जबकि साप्ताहिक सीमा 48 घंटे पर बनी रहेगी।

ओडिशा दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025 के क्या फायदे हैं?

A: 20 लोगों तक के प्रतिष्ठानों को अधिनियम के कुछ प्रावधानों से छूट, नियामकीय बोझ में कमी और कर्मचारियों के कल्याण के लिए सुधार शामिल हैं।