Increase in Working Hours: प्राइवेट कर्मचारियों को अब करने होंगे 10 घंटे काम, महिलाओं की भी लगेगी नाइट ड्यूटी, सरकार ने नियमों में किया बदलाव

प्राइवेट कर्मचारियों को अब करने होंगे 10 घंटे काम, महिलाओं की भी लगेगी नाइट ड्यूटी, One hour Increase in Working Hours of Private Employees

  •  
  • Publish Date - June 14, 2025 / 09:45 PM IST,
    Updated On - June 14, 2025 / 09:45 PM IST
HIGHLIGHTS
  • आंध्र प्रदेश में अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रोजाना 10 घंटे काम करना होगा।
  • महिलाएं अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी, यदि सुरक्षा के उपाय हों।
  • ट्रेड यूनियनों ने इस फैसले को श्रमिक विरोधी करार देते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

नई दिल्लीः Increase in Working Hours:  अगर आप निजी संस्थानों में काम करते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। इस खबर को जानकर आपको झटका भी लग सकता है। दरअसल, अब आपकों हर दिन 10 घंटे काम करना होगा। इससे पहले कर्मचारियों के लिए निर्धारित समय 9 घंटे थी। दावा है कि यह कदम ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ (EoDB) नीति के तहत निवेशकों और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उठाया गया है. यह फैसला आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी की सरकार ने ली है। हालांकि ट्रेड यूनियनों को सरकार का यह निर्णय कतई रास नहीं आया है और इसका विरोध शुरू कर दिया है।

Read More : Chaturgrahi Yog 2025: 26 जून से शुरू होंगे इन राशिवालों का अच्छे दिन, चतुर्ग्रही योग से जमकर बरसेगा पैसा, कर्ज से मिलेगा मुक्ति

Increase in Working Hours:  दरअसल, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के. पार्थसारथी ने उस समय बताया था कि श्रम कानूनों को कर्मचारियों और निवेशकों के लिए ‘अनुकूल’ बनाने के लिए उनमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। श्रम कानूनों में संशोधन के लिए कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में विस्तार से बताते हुए पार्थसारथी ने हाल में कहा, ‘कानून की प्रासंगिक धाराएं जो प्रतिदिन अधिकतम नौ घंटे काम करने की अनुमति देती थीं, उनके तहत अब यह अवधि बढ़ाकर 10 घंटे प्रतिदिन कर दी गई हैं। धारा 55 के तहत पहले पांच घंटे (काम) के लिए एक घंटे का आराम मिलता था, जिसे अब छह घंटे कर दिया गया है।’ इससे पहले पार्थसारथी ने बताया था कि ‘ओवरटाइम’ (निर्धारित अवधि से अतिरिक्त समय) के घंटे पहले प्रति तिमाही 75 थे, जिन्हें बढ़ाकर 144 कर दिया गया है।

महिलाएं भी करेंगी नाइट शिफ्ट

उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों में इस संशोधन के कारण हमारे राज्य में विभिन्न फैक्टरी में निवेश बढ़ेगा। ये श्रम नियम कर्मचारियों के लिए अनुकूल होंगे। हर राज्य में वैश्वीकरण हो रहा है। ये संशोधन वैश्विक मानदंडों को लागू करने के लिए किए गए हैं। इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने रात्रि पाली के नियमों में भी ढील दी है, ताकि अधिक महिलाएं रात्रि पाली में काम कर सकें। पहले महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब वे सहमति, परिवहन सुविधा, सुरक्षा और निगरानी जैसे सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने पर काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि रात्रि पाली के दौरान महिलाओं के कार्यस्थल पर पूरी रोशनी होनी चाहिए।

Read More : Manohar Lal Dhakad Video: इन लोगों ने वायरल किया था मनोहर धाकड़ का वीडियो! सामने आई ब्लैकमेलिंग की कहानी, 5 आरोपी गिरफ्तार

ट्रेड यूनियनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस फैसले का वामपंथी दलों और ट्रेड यूनियनों ने जबरदस्त विरोध किया है. माकपा (CPM) के राज्य सचिव वी. श्रीनिवास राव ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।  उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के दबाव में राज्य सरकार बड़े उद्योगपतियों को खुश करने के लिए नियमों में यह संशोधन कर रही है। उन्होंने कहा, “ये संशोधन केवल श्रमिकों को गुलाम बनाने के लिए हैं। इससे उनके कार्यभार में अत्यधिक वृद्धि होगी.” ट्रेड यूनियनों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। यूनियनों का कहना है कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे।

क्या नया कानून सभी कंपनियों पर लागू होगा?

हां, यह नियम आंध्र प्रदेश में सभी निजी संस्थानों और फैक्ट्रियों पर लागू होगा।

क्या यह नियम केवल आंध्र प्रदेश में लागू होगा?

फिलहाल यह संशोधन आंध्र प्रदेश राज्य सरकार द्वारा किया गया है। अन्य राज्यों में लागू नहीं है।

महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत किन शर्तों पर मिलेगी?

महिलाओं को नाइट शिफ्ट में स्वैच्छिक सहमति, सुरक्षा व्यवस्था, पर्याप्त रोशनी, और परिवहन सुविधा के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी।

ओवरटाइम की नई सीमा क्या है?

नई नीति के अनुसार, ओवरटाइम की सीमा 144 घंटे प्रति तिमाही तक बढ़ा दी गई है, जो पहले 75 घंटे थी।

क्या इस फैसले का विरोध हो रहा है?

हां, ट्रेड यूनियन और वामपंथी दलों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे श्रमिकों के हितों के खिलाफ बताया है और आंदोलन की चेतावनी दी है।