नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र को निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह एक ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दा’’ है, जो कथित तौर पर सामाजिक मनोरंजन के साधन और ‘ई-स्पोर्ट्स’ की आड़ में संचालित होते हैं।
न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि वह याचिका की एक प्रति सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को दें।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील विराग गुप्ता से कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आप उन्हें एक प्रति दें। उन्हें इस पर गौर करने दीजिए। वह हमारे पास वापस आएंगे।’’
पीठ ने सरकार के वकील से याचिका पर गौर करने और अगली सुनवाई में सहायता करने को कहा।
शीर्ष अदालत ‘सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज’ (सीएएससी) और शौर्य तिवारी की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें सरकार को सट्टेबाजी और जुए के ऐप के प्रसार पर रोक लगाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। इस बारे में याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे देश भर में व्यापक सामाजिक और आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सुनवाई के दौरान, गुप्ता ने पीठ को बताया कि यह याचिका उन 15 करोड़ बच्चों की सुरक्षा से संबंधित है, जो मौजूदा कानून में ‘‘खालीपन’’ के कारण पीड़ित हैं।
उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 का हवाला दिया।
गुप्ता ने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, सट्टा और जुआ राज्य सूची के दायरे में आते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारपाल है। उनके पास ब्लॉक करने के संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है और संसद में दिये गए जवाब के अनुसार, लगभग 1,528 गेमिंग ऐप ब्लॉक किए जा चुके हैं।’’
पीठ ने उन्हें याचिका की एक प्रति सरकार के वकील को देने को कहा।
न्यायालय ने कहा, ‘‘उन्हें इस मामले में निर्देश लेने दीजिए, फिर वह हमारे पास वापस आएंगे और तब हम कुछ उचित आदेश पारित करेंगे।’’
याचिका में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना और प्रसारण, वित्त और युवा मामले और खेल मंत्रालयों को ‘‘ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 के प्रचार और विनियमन के प्रावधानों और राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाए गए कानूनों की सामंजस्यपूर्ण व्याख्या करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, ताकि सामाजिक और ई-स्पोर्ट्स गेम की आड़ में ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी पर रोक लगाई जा सके।’’
याचिका में छह प्रतिवादियों के नाम हैं, जिनमें चार केंद्रीय मंत्रालय और दो प्रमुख ऐप स्टोर संचालक ‘एप्पल इंक’ और ‘गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ शामिल हैं।
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