नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शनिवार को अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में ‘डेकेयर कैंसर सेंटर’ स्थापित करने की केंद्र सरकार की घोषणा की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इससे खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इस बीमारी का इलाज और अधिक किफायती एवं सुलभ हो जाएगा।
विशेषज्ञों ने कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह मुक्त करने के सरकार के फैसले की भी सराहना की।
एम्स-दिल्ली में डॉ. बी.आर. आंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल की प्रमुख डॉ. सुषमा भटनागर ने कहा, ‘‘नीति निर्माताओं की ओर से पहली बार इतनी मजबूती से रोगी-केंद्रित देखभाल भारत में कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए एक वरदान है।’’
कैंसर रोगियों और उनके परिवारों के शारीरिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और ज्यादातर मामलों में आर्थिक रूप से कमजोर होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कैंसर की देखभाल में एकरूपता होनी चाहिए।
डॉक्टर ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण देखभाल और उपचार होना चाहिए।
डॉ. भटनागर ने कहा, ‘‘जब हम 2025-26 में ही 200 डेकेयर कैंसर सेंटर खोलने की योजना बना रहे हैं, तो कैंसर के उपचार को सुलभ और किफायती बनाने के अलावा हमें गुणवत्ता पर भी जोर देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह तृतीयक केंद्रों की तरह यथासंभव सर्वोत्तम हो।’’
उन्होंने 36 जीवन रक्षक दवाओं पर बीसीडी से छूट देने के सरकार के फैसले पर कहा कि इससे मानवता को लाभ होगा।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने कहा कि कैंसर डेकेयर सेंटर स्थापित करने के फैसले से समय पर निदान और उपचार संभव होगा, खासकर वंचित क्षेत्रों को इससे लाभ होगा।
सर गंगा राम अस्पताल के ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. राणा ने कहा कि यह कदम ‘‘ग्रामीणों और ग्रामीण कैंसर रोगियों के कैंसर उपचार में एक आदर्श बदलाव साबित होगा’’।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की कमी को पूरा करने के लिए 10,000 मेडिकल सीट बढ़ाना भी एक स्वागत योग्य कदम है।
भारतीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी संघ के अध्यक्ष पवन चौधरी ने कहा कि डेकेयर कैंसर केंद्रों की बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि संभावित जोखिमों के कारण घर पर कीमोथेरेपी नहीं दी जा सकती।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष, निदेशक और सह-संस्थापक प्रबल घोषाल ने जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर केंद्रों की स्थापना और 36 जीवन रक्षक दवाओं पर मूल सीमा शुल्क में छूट देने के निर्णय की सराहना की।
सर गंगा राम अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. श्याम अग्रवाल ने कहा, ‘‘हर साल सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से लगभग 300 नए प्रशिक्षित ‘मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट’ डीएनबी और डीएम निकल रहे हैं। ये डेकेयर सेंटर विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए कीमोथेरेपी/इम्यूनोथेरेपी और डेकेयर ऑपरेशन की सुविधा प्रदान करेंगे।’’
राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र के सीईओ डी एस नेगी ने कहा कि 200 कैंसर डेकेयर केंद्रों के खुलने से कैंसर का इलाज अधिक किफायती और सुलभ हो जाएगा।
भाषा वैभव संतोष
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