एनसीसी प्रशिक्षण के लिए सीमावर्ती, तटीय क्षेत्रों में 1,100 से अधिक स्कूलों की पहचान : राजनाथ

एनसीसी प्रशिक्षण के लिए सीमावर्ती, तटीय क्षेत्रों में 1,100 से अधिक स्कूलों की पहचान : राजनाथ

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  • Publish Date - January 21, 2021 / 12:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में 1,100 से अधिक स्कूलों की पहचान की है जहां जल्द ही छात्रों को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के तहत प्रशिक्षण मिलेगा।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने निर्णय किया है कि एनसीसी का विस्तार किया जाना चाहिए। सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में एनसीसी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हमने ऐसे क्षेत्रों में 1,100 से अधिक स्कूलों की पहचान की है जहां जल्द ही एनसीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा।’’

मंत्री ने यहां एक एनसीसी शिविर में कहा, ‘‘एनसीसी में पूर्व में लड़कियों की संख्या केवल 28 प्रतिशत थी, वहीं अब उनकी संख्या कुल कैडेटों में 43 प्रतिशत हो गई है।’’

लगभग एक महीने तक चलने वाले इस शिविर में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कुल एक हजार कैडेट शामिल हैं जिनमें 380 लड़कियां हैं।

इस शिविर का समापन आगामी 28 जनवरी को होगा।

कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘देश में दो टीकों का विनिर्माण हो रहा है। हम समूचे विश्व को एक परिवार की तरह मानते हैं। हम केवल भारत में ही टीकाकरण नहीं करेंगे, अपितु अपने पड़ोसी देशों को भी ये टीके उपलब्ध कराएंगे जहां इनकी आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, यदि आवश्यकता हुई तो हम विश्व के अन्य देशों को भी टीके उपलब्ध कराएंगे।’’

भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए ‘कोविडशील्ड’ तथा भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए ‘कोवैक्सीन’ टीके के साथ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी। भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामां और सेशल्स को भी भारत टीके भेज रहा है।

सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने फैसला किया है कि रोजगार के मामले में एनसीसी कैडेटों को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां तक मैं जानता हूं, यह वरीयता दी जा रही है। चयन प्रक्रिया में एनसीसी कैडेटों को अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं।’’

रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एनसीसी देश का सबसे बड़ा स्वैच्छिक युवा संगठन है जिसकी स्थापना 1948 में हुई थी।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव