राजस्थान में निजी स्लीपर बसों की हड़ताल से यात्री हुए परेशान

राजस्थान में निजी स्लीपर बसों की हड़ताल से यात्री हुए परेशान

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  • Publish Date - November 1, 2025 / 06:39 PM IST,
    Updated On - November 1, 2025 / 06:39 PM IST

जयपुर, एक नवंबर (भाषा) राजस्थान में शादी विवाह के सीजन से ठीक पहले निजी स्लीपर बसों की हड़ताल से हजारों यात्री परेशान हुए हैं। राज्य में निजी बस ऑपरेटर ने शनिवार को अपनी स्लीपर बसें नहीं चलाईं।

इन आपरेटर ने जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद परिवहन विभाग की ऐसी बसों के खिलाफ हालिया कार्रवाई के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।

बस आपरेटर का दावा है कि स्लीपर बसों के नहीं चलने से राज्य भर में हज़ारों यात्री प्रभावित हुए हैं, लोग बस अड्डों व राजमार्गों पर फंस गए। हालांकि ऐसी बसों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग बंद कर दी गई हैं, लेकिन ऐसी खबरें भी सामने आईं कि कुछ बसें अब भी चल रही हैं और यात्रियों से सामान्य से छह गुना अधिक तक किराया वसूला जा रहा है।

इस हड़ताल की घोषणा ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने की। इसने परिवहन अधिकारियों पर डिजाइन या परमिट संबंधी समस्याओं वाली बसों के खिलाफ मनमानीपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। इनका आरोप है कि अधिकारियों ने कथित तौर पर चालान जारी किए हैं और कई वाहनों, खासकर राज्य के बाहर पंजीकृत वाहनों को जब्त कर लिया है।

हालांकि रोडवेज बसें हड़ताल में शामिल नहीं हैं। जयपुर स्थित निजी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने कहा, ‘सुरक्षा के लिहाज से परिवहन विभाग की कार्रवाई जायज है, इसलिए स्टेट कैरिज बसें हड़ताल में शामिल नहीं हैं।’

अन्य संगठनों ने हड़ताल के आगे और बढ़ने की आशंका जतायी है। ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि शादियों से जुड़ी भीड़ कम होने के बाद स्टेट कैरिज ऑपरेटर दो दिन में हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।

राजस्थान बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने कहा कि तीन नवंबर से व्यापक हड़ताल की संभावना है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से आंदोलनकारी ऑपरेटर से बातचीत करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें बातचीत के लिए बुलाया जाना चाहिए और धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनी जानी चाहिए। समय पर संवाद से इस स्थिति से बचा जा सकता था।’

उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवधानों को रोकने के लिए शासन को जिम्मेदारी और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।

इस महीने की शुरुआत में जैसलमेर में एक स्लीपर बस में आग लगने से कई लोग जिंदा जल गए थे। बस में आग एसी में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी थी। बस में कोई आपातकालीन निकासी द्वार नहीं था। घटना के बाद, परिवहन विभाग ने अवैध मॉडिफिकेशन और परमिट मानदंडों के उल्लंघन के खिलाफ गहन जांच अभियान शुरू किया।

भाषा पृथ्वी शफीक अमित

अमित