498 A New Guidelines of Supreme Court: अब दहेज प्रताड़ना कानून का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगी महिलाएं / Image Source: File
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों को बकाया पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान पर द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों को लागू न करने के मामले में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को मंगलवार को अपने समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया है।
तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, असम, नगालैंड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, केरल, बिहार, गोवा, हरियाणा और ओडिशा के मुख्य सचिवों को 27 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश होना है।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ की याचिका और 22 अन्य समान याचिकाओं को मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
प्रधान न्यायाधीश ने 22 अगस्त को कहा था, ‘‘मैं देख सकता हूं कि कोई ठोस अनुपालन नहीं हुआ है। उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमारे सामने पेश होना होगा या हम उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी करेंगे।’’ न्यायालय ने यह निर्देश तब दिया, जब वरिष्ठ वकील एवं न्याय मित्र के. परमेश्वर ने पीठ को बताया कि कई आदेशों और समय विस्तार के बावजूद, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एसएनजेपीसी की सिफारिशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया है।