असम में अतिक्रमणकारियों में बिहार के लोग भी शामिल, उनके दावों का सत्यापन करेंगे : हिमंत

असम में अतिक्रमणकारियों में बिहार के लोग भी शामिल, उनके दावों का सत्यापन करेंगे : हिमंत

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  • Publish Date - July 25, 2025 / 07:18 PM IST,
    Updated On - July 25, 2025 / 07:18 PM IST

गुवाहाटी, 25 जुलाई (भाषा)असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि बिहार जैसे राज्यों से होने का दावा करने वाले लोग पूर्वोत्तर राज्य में सरकारी, वन और अन्य भूमि पर अतिक्रमण करने वालों में शामिल हैं।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार इन लोगों का विवरण उन स्थानों के प्राधिकारियों के साथ साझा करेगी, जहां से होने का ये दावा कर रहे हैं ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि वे वास्तव में ‘‘सीमा पार’’ से तो नहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने गोलाघाट जिले के उरियमघाट में अतिक्रमण रोधी अभियान के लिए स्थलों का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हमने अतिक्रमणकारियों की सूची देखी, तो पाया कि ये लोग सिर्फ असम से नहीं हैं। इनमें कछार, श्रीभूमि, धुबरी, होजई, नागांव, मोरीगांव जैसे जिलों के लोग हैं, साथ ही बिहार के भी लोग हैं।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘उन लोगों ने कहा है कि वे बिहार से हैं, लेकिन वे सीमा पार से भी हो सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन लोगों के नाम, पते और अन्य विवरण लिए जाएंगे तथा उस स्थान के अधिकारियों के साथ साझा किए जाएंगे जहां से वे आने का दावा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि वे उस क्षेत्र के वास्तविक निवासी हैं, तो हमें उनसे कोई परेशानी नहीं है। परंतु वहां के स्थायी निवासी नहीं होने पर स्थानीय अधिकारी कदम उठा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि उरियमघाट में अतिक्रमणकारियों ने सैकड़ों बीघा वन भूमि पर कब्जा कर रखा है।

शर्मा ने कहा, ‘‘सरकार मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती और हमें आवश्यक कार्रवाई करनी होगी। हम लोगों से सहयोग चाहते हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि अतिक्रमित क्षेत्रों में मादक पदार्थों का उपयोग और चोरी जैसी अवैध गतिविधियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं और ‘‘बहुत सारी नकारात्मक चीजें हो रही हैं’’।

उन्होंने कहा, ‘‘अब सभी लोग मिलकर इस क्षेत्र को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाने के लिए काम कर सकते हैं। जमीन साफ होने के बाद स्थानीय युवा संसाधनों का उपयोग करके व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।’’

शर्मा ने कहा कि अधिकांश अतिक्रमणकारी पहले ही स्थान छोड़ चुके हैं, तथा शेष लोग भी कानून के अनुसार बेदखली विरोधी अभियान शुरू होने से पहले ही स्थान छोड़ देंगे।

उन्होंने बताया कि उरियमघाट के अलावा नेग्रिबिल क्षेत्र में भी बेदखली के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

शर्मा ने उरियमघाट क्षेत्र की सीमा से लगे नगालैंड से सहयोग के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘पड़ोसी राज्य की एकमात्र चिंता यह है कि बेदखल किए गए लोग उनके राज्य में प्रवेश न करें। जब भी मैंने उनसे अनुरोध किया है, उन्होंने हमेशा हमारी मदद की है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सभी सत्र (वैष्णव मठ) भूमि, चरागाह भूमि को चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। हम यह भी नहीं चाहते कि यह आभास हो कि यहां केवल बेदखली हो रही है। अन्यथा, अदालत भी इस बारे में सोचेगी कि क्या हो रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि पिछले चार वर्षों में 1.29 लाख बीघा (लगभग 43,000 एकड़) भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है, तथा राज्य में अब भी लगभग 29 लाख बीघा (लगभग 10 लाख एकड़) भूमि पर अतिक्रमण है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश