PFI पर लगेगा प्रतिबंध! ‘लव जिहाद और मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में…’ 15 राज्यों में छापेमारी के बाद NIA ने किया बड़ा खुलासा

PFI will be banned, Love Jihad and radical Muslims.. NIA made big disclosure: PFI पर लगेगा प्रतिबंध! 'लव जिहाद और मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में...' 15 राज्यों में छापेमारी के बाद NIA ने किया बड़ा खुलासा

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  • Publish Date - September 22, 2022 / 10:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

नई दिल्ली। NIA raids against PFI : आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बृहस्पतिवार को 15 राज्यों में 96 स्थानों पर की गई छापेमारी को अधिकारियों ने ‘‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’’ करार दिया। इन छापों के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध की संभावना है।

अधिकारियों ने कहा, यह संगठन कथित ‘‘लव जिहाद’’ की घटनाओं, जबरन धर्म परिवर्तन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अपनी भूमिका, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, धन शोधन एवं प्रतिबंधित समूहों से संपर्क को लेकर विभिन्न एजेंसियों की निगाह में था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कहा कि कई हिंसक कृत्यों में कथित संलिप्तता के लिए पीएफआई, उसके नेताओं और सदस्यों के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज किए गए।

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अधिकारियों ने कहा कि पीएफआई द्वारा कथित रूप से समय-समय पर किए गए आपराधिक और हिंसक कृत्यों में केरल में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, विस्फोटकों का संग्रह, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाना, इस्लामिक स्टेट को समर्थन और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से नागरिकों के मन में आतंकवाद का एक प्रभाव पड़ा है।

अधिकारियों के मुताबिक, एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ पहले की गई जांच के तहत 45 लोगों को दोषी ठहराया है। इन मामलों के संबंध में कुल 355 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है। पिछले साल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा था कि केंद्र सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है, जिसे पहले ही झारखंड सहित कई राज्यों में अवैध घोषित किया जा चुका है।

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मेहता ने यह भी कहा था कि पीएफआई के कई पदाधिकारी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े पाए गए हैं, जो पहले से ही एक प्रतिबंधित संगठन है। पीएफआई को कथित तौर पर खाड़ी देशों में स्थित अपने हमदर्दों, ज्यादातर भारतीय, से धन प्राप्त होता है।

अधिकारियों ने कहा कि देश भर में लगभग एक साथ छापेमारी में, एनआईए के नेतृत्व में बहु-एजेंसी अभियान ने बृहस्पतिवार को देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।

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सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल में हुआ, जहां 22 लोगों को पकड़ा गया। इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक (20-20), तमिलनाडु में 10, असम में नौ, उत्तर प्रदेश में आठ, आंध्र प्रदेश में पांच, मध्य प्रदेश में चार, पुडुचेरी और दिल्ली में तीन-तीन और राजस्थान में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी के दौरान जो गिरफ्तारियां की गईं, उन्हें ‘‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’’ कहा जा सकता है।

पीएफआई की स्थापना 2006 में हुई थी और अब इसकी केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर सहित दो दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कईं शाखाएं हैं। गौरतलब है कि कई सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई की जड़ें नेशनल डेवलेपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) में होने की बात कही है, जो एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे बाबरी मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप एक साल बाद 1993 में बनाया गया था।

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