पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ ने अपने अब तक के सबसे लंबे 7.7 फुट के मरीज का ऑपरेशन किया

पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ ने अपने अब तक के सबसे लंबे 7.7 फुट के मरीज का ऑपरेशन किया

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  • Publish Date - May 26, 2025 / 11:40 AM IST,
    Updated On - May 26, 2025 / 11:40 AM IST

चंडीगढ़, 26 मई (भाषा) चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के न्यूरोसर्जरी विभाग ने ‘एक्रोमेगाली’ से पीड़ित एक ऐसे मरीज का इलाज किया है जिसकी वृद्धि संबंधी हार्मोन के अनियंत्रित स्तर के कारण लंबाई सात फुट सात इंच हो गई है। संस्थान ने यह जानकारी दी।

‘एक्रोमेगाली’ ऐसी दुर्लभ चिकित्सकीय स्थिति होती है जो शरीर में वृद्धि हार्मोन (जीएच) का स्तर अत्यधिक बढ़ने के कारण पैदा होती है। इसके कारण कुछ हड्डियां, अंग और अन्य ऊतक बड़े हो जाते हैं

मरीज जम्मू कश्मीर पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल है और वह अस्पताल में अब तक आया सबसे लंबा मरीज है।

इस संस्थान ने एक्रोमेगाली के 100 से अधिक मामलों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह एक दुर्लभ उपलब्धि है।

हार्मोन संबंधी इस विकार का उपचार ‘एंडोस्कोपिक ट्रांसनासल’ पद्धति से किया गया जिसमें सिर पर चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती।

संस्थान ने सोमवार को एक बयान में बताया कि डॉक्टर राजेश छाबड़ा, अपिंदरप्रीत सिंह और शिल्पी बोस के नेतृत्व में उनकी न्यूरोसर्जरी की टीम ने डॉ राजीव चौहान के नेतृत्व वाली न्यूरोएनेस्थीसिया टीम के सहयोग से इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया।

पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने सर्जरी करने वाली टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘100 से अधिक जटिल पिट्यूटरी (हार्मोन बनाने वाली मस्तिष्क की एक छोटी ग्रंथि) ट्यूमर मामलों का सफल उपचार पीजीआईएमईआर की ​​उत्कृष्टता एवं मिलकर काम करने की भावना का प्रमाण है। ये परिणाम नवोन्मेष और करुणा के माध्यम से देखभाल के उच्चतम मानकों के अनुसार सेवाएं प्रदान करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं।’’

पीजीआईएमईआर ने बताया कि हेड कांस्टेबल को जोड़ों में दर्द, दृष्टि संबंधी समस्याओं और दैनिक गतिविधियों में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। उसने बताया कि चीरा लगाए बिना नाक के जरिए जरिए उसका ट्यूमर निकाला गया।

संस्थान ने बताया कि सर्जरी के बाद से मरीज के हार्मोन का स्तर सामान्य होने लगा हे और कुछ ही हफ्तों में उसकी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार दिखाई देने लगा है।

पीजीआईएमईआर के एनेस्थीसिया और गहन चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. राजीव चौहान ने कहा, ‘‘यह पीजीआईएमईआर में अब तक का सबसे लंबा मरीज था। उसकी असामान्य लंबाई और वजन के कारण एनेस्थीसिया संबंधी कई चुनौतियां सामने आईं।’’

पीजीआईएमईआर के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश छाबड़ा ने इस चिकित्सकीय स्थिति के बारे में कहा, ‘‘ ‘पिट्यूटरी एडेनोमा’ ‘पिट्यूटरी’ ग्रंथि में गैर-कैंसरकारी ट्यूमर होते हैं, जो अधिक मात्रा में हार्मोन का स्राव करते हैं, जिससे शरीर का हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है।’’

बयान में कहा गया है कि समय पर ‘गामा नाइफ’ रेडियोसर्जरी जैसे उन्नत विकल्प चुनकर मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता बहाल हो सकती है।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा