PhD Admission: UGC ने छात्रों के लिए किया एतिहासिक ऐलान, मास्टर डिग्री की अनिवार्यता को किया खत्म

UGC ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए छात्रों को एक बड़ी खुशखबरी दी है।आगामी नए सत्र 2022-23 से इस नीति को लागू किया जा सकता है।

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  • Publish Date - June 25, 2022 / 12:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

PhD Admission After Undergradution: UCG भारत में शिक्षा व्यवस्था को लेकर समय-समय पर शिक्षा प्रणाली में बदलाव करती रहती है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए छात्रों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल UGC की नई गाइडलाइन में पीएचडी करने के लिए मास्टर डीग्री की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। नई गाइडलाइन के अनुसार अब पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले के लिए ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र योग्य होंगे। जिसमें 7.5 सीजीपीए होना अनिवार्य है। PhD के लिए बनाए गए नए नियमों का ऐलान जून के अंतिम तक किया जा सकता है।

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PhD Admission After Undergradution: मिली जानकारी के मुताबिक आगामी नए सत्र 2022-23 से इस नीति को लागू किया जा सकता है। उनका उद्देश्य देश में शोध को बढ़ावा देना है, साथ ही पीएचडी में एडमिशन पाने के लिए छात्रों के पास 7.5 CGPA होना जरुरी है। एससी एसटी, ओबीसी, और विकलांग छात्रों के लिए 0.5 CGPA की रियायत दी गई है। जिन छात्रों के CGPA ,निर्धारित CGPA से कम होंगे उन छात्रों को एक साल की मास्टर डीग्री हासिल करनी होगी।

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