प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान आवारा पशुओं की मदद करने वाली सेना की सेवानिवृत्त मेजर की सराहना की

प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान आवारा पशुओं की मदद करने वाली सेना की सेवानिवृत्त मेजर की सराहना की

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  • Publish Date - July 18, 2021 / 10:47 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान आवारा पशुओं की मदद करने को लेकर सेना की एक सेवानिवृत्त अधिकारी की सराहना की और कहा कि इस तरह की कोशिश समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

मेजर प्रमिला सिंह (सेवानिवृत्त) ने इस मुश्किल समय में पशुओं के लिए भोजन और दवा की व्यवस्था की है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने राजस्थान के कोटा की रहने वाली सिंह को लिखे एक पत्र में उनकी दयालुता और सेवा को लेकर उनकी सराहना की।

कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान सिंह ने पशुओं की पीड़ा समझी और वह अपने पिता श्यामवर सिंह के साथ उनकी मदद के लिए आगे आईं। उनके पिता असहाय पशुओं की देखभाल करते हैं।

बयान में कहा गया है कि मेजर सिंह और उनके पिता ने अपने खुद के पैसों से आवारा पशुओं के लिए भोजन और इलाज की व्यवस्था की।

प्रधानमंत्री ने मेजर प्रमिला की सराहना करते हुए उनकी कोशिशों को समाज के लिए एक प्रेरणा बताया।

मोदी ने उन्हें लिखे पत्र में कहा है, ‘‘पिछले करीब डेढ़ साल में, हमने अभूतपूर्व स्थिति का सामना किया है। यह एक ऐसी ऐतिहासिक अवधि है, जिसे लोग अपने शेष जीवन में नहीं भूलेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह न सिर्फ मानव के लिए, बल्कि मानव के आसपास रहने वाले कई जीवों के लिए भी एक मुश्किल समय है। इस तरह की स्थिति में, पीड़ा और असहाय पशुओं की जरूरत के प्रति आपका संवेदनशील होना तथा उनके कल्याण के लिए पूरी व्यक्तिगत क्षमता के साथ काम करना सराहनीय है।’’

प्रधानमंत्री ने पत्र में यह भी कहा, ”मुश्किल समय में ऐसे कई उदाहरण देखे गये हैं, जिसने हमें मानवता पर गर्व महसूस कराया है।’’

बयान के मुताबिक, मोदी ने उम्मीद जताई कि मेजर प्रमिला और उनके पिता अपनी कोशिशों के जरिए समाज में जागरूकता का प्रसार करने के अपने कार्य से लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।

इससे पहले, सिंह ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर उन्हें सूचना दी थी कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पशुओं की देखभाल का जो कार्य शुरू किया था वह अब भी जारी है।

उन्होंने पत्र में असहाय पशुओं की पीड़ा का उल्लेख करते हुए अपील की थी कि उनकी मदद के लिए और अधिक लोगों को आगे आना चाहिए।

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप