PM Modi Manipur Visit
PM Modi Manipur Visit: नई दिल्ली: विपक्ष ने हमेशा ये सवाल उठाया है कि पीएम आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए। पर अब, पीएम नरेंद्र मोदी मणिपुर दौरे पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर का दौरा करेंगे। वह चूड़ाचांदपुर और इंफाल में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत करेंगे। 2 साल पहले राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद पीएम का यह पहला मणिपुर दौरा होगा। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 8,500 करोड़ रुपये की 31 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे की आधिकारिक पुष्टि की है।
पीएम मोदी इंफाल में 1200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। चुड़ा चांदपुर में वे 7300 करोड़ तो. इंफाल में 3600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की पीएम आधारशिला रखेंगे। साथ ही 2500 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग की पांच परियोजनाओं, मणिपुर इंफोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और नौ स्थानों पर वर्किंग वुमेन होस्टल का भी शिलान्यास करेंगे।
पीएम के दौरे को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है। मोदी की यात्रा की घोषणा पर कांग्रेस ने दावा किया कि यह यात्रा शांति और सद्भाव को ताकत प्रदान करने के बजाय, वास्तव में एक तमाशा साबित होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘तो अब यह आधिकारिक है। प्रधानमंत्री कल मणिपुर में तीन घंटे से भी कम समय बिताएंगे। यह यात्रा शांति और सद्भाव को बल प्रदान करने के बजाय, वास्तव में एक तमाशा साबित होगी। कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केइशम मेघचंद्र ने भी आरोप लगाया कि जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में मोदी की यात्रा केवल प्रतीकात्मक है। इसका उद्देश्य शांति कायम करना और न्याय सुनिश्चित करना नहीं है।
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वहीं पीएम के दौरे को लेकर इंफाल में लगभग 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में और उसके आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, जहां इस आयोजन के लिए एक भव्य मंच तैयार किया जा रहा है।
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बता दें कि, हिंसा पर काबू करने के बाद विश्वास बहाली के लिए इस साल फरवरी में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसके बाद दोनों समुदायों के साथ अलग-अलग और फिर एक साथ बैठकर शांति की कोशिश पिछले महीने रंग लाई। दिल्ली में कुकी उग्रवादी गुटों ने संस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन पर हस्ताक्षर पर अपनी शिविरों को मैतेयी बहुल इलाकों से दूर करने पर सहमति दे दी। कुकी-जो संगठन ने भी एनएच-दो समेत सभी राजमार्गों को आवाजाही के लिए खोलने पर सहमति दे दी।