प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की, संघर्ष के शीघ्र समाधान पर जोर दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की, संघर्ष के शीघ्र समाधान पर जोर दिया

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 07:45 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 07:45 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत हरसंभव योगदान देने को प्रतिबद्ध है।

दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत अमेरिका के अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन में शांति समझौते को लेकर होने वाली शिखर वार्ता से पहले हुई है।

मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने जेलेंस्की को भारत के लगातार जारी इस रुख से अवगत कराया कि संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘‘मुझे राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके और हालिया घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर खुशी हुई। मैंने उन्हें भारत के लगातार जारी इस रुख से अवगत कराया कि संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत इस संबंध में हरसंभव योगदान देने तथा यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने मोदी के साथ बातचीत में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर ‘‘विस्तार से चर्चा की’’, जिनमें ‘‘द्विपक्षीय सहयोग और समग्र कूटनीतिक स्थिति’’ भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (मोदी) ने हमारे लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए जो गर्मजोशी भरे शब्द कहे हैं, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।’’

जेलेंस्की ने यह भी कहा कि ‘‘रूस से ऊर्जा के निर्यात, खास तौर पर कच्चे तेल के निर्यात को सीमित करना’’ आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस रुख से सहमत है कि यूक्रेन से जुड़ी हर चीज का फैसला यूक्रेन की भागीदारी से ही लिया जाना चाहिए। अन्य प्रारूपों से वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे।’’

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हमने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की। मैंने कहा कि रूसी ऊर्जा, खास तौर पर कच्चे तेल के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है, ताकि इस युद्ध को जारी रखने की उसकी वित्तीय ताकत और क्षमता को कम किया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि रूस से गहरे रिश्ते रखने वाला हर नेता मॉस्को को इसी तरह के संकेत भेजे।

भाषा पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल