Parliament Monsoon Session: केंद्र सरकार पर जमकर बरसे प्रियंका गांधी, कहा- ‘आप मेरी मां के आंसू पर चले गए, लेकिन ये नहीं बताया…’

Parliament Monsoon Session: केंद्र सरकार पर जमकर बरसे प्रियंका गांधी, कहा- 'आप मेरी मां के आंसू पर चले गए, लेकिन ये नहीं बताया...'

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  • Publish Date - July 29, 2025 / 04:37 PM IST,
    Updated On - July 29, 2025 / 05:12 PM IST

Parliament Monsoon Session | Photo Credit: ANI

HIGHLIGHTS
  • ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल
  • प्रियंका गांधी ने पूछा ऑपरेशन सिंदूर अचानक क्यों रोका गया?
  • पहलगाम हमले को लेकर तीखा हमला

नयी दिल्ली: Parliament Monsoon Session कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहास का पाठ पढ़ाया तथा उनके मां के आंसुओं तक की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे तो ऑपरेशन सिंदूर को अचानक क्यों रोक दिया गया। प्रियंका ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था।

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Parliament Monsoon Session  प्रियंका गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद अगर पाकिस्तान को सबक सिखाना था तो शायद ये मकसद अभी अधूरा है, क्योंकि हमारी कूटनीति विफल रही है। उन्होंने कहा कि इसका सबूत है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक पाकिस्तानी जनरल, जिसके हाथ खून से रंगे थे, वो अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच कर रहा था। उन्होंने लोकसभा में कहा कि गृहमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के बजाए कोई चारा नहीं था। सवाल है- आपने शरण दी क्यों? आतंकी हमारे देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और आप उन्हें शरण दे रहे हैं। आपने इस बात का जवाब अपने एक भी भाषण में क्यों नहीं दिया?

केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘गृह मंत्री जी ने कहा कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के बजाए कोई चारा नहीं था। सवाल है कि आपने शरण दी क्यों? आतंकी हमारे देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और आप उन्हें शरण दे रहे हैं। आपने इस बात का जवाब अपने एक भी भाषण में क्यों नहीं दिया?’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘जैसे ही शरण की बात उठी, गृह मंत्री इतिहास में चले गए। वह नेहरू जी, इंदिरा जी से लेकर मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए। लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि जंग क्यों रुकी?’’

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उन्होंने कहा, ‘‘सदन में मेरी मां के आंसुओं की बात की गई, मैं इसका जवाब देना चाहती हूं। मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वह सिर्फ 44 साल की थीं। आज मैं इस सदन में खड़ी होकर (पहलगाम हमले में मारे गए) उन 26 लोगों की बात इसलिए कर रही हूं, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं और उसे महसूस करती हूं।’’ इससे पहले, सदन में गृह मंत्री ने कहा था, ‘‘एक सुबह मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आ रहे थे और उन्होंने कहा कि बटला हाउस की घटना देखकर सोनिया जी फूट फूटकर रो पड़ीं।’’

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शाह ने कहा कि रोना था तो शहीद मोहनचंद्र शर्मा के लिए रोते, लेकिन इन्हें बटला हाउस के आतंकवादियों के लिए रोना आता है। कांग्रेस के कुछ सदस्यों के शोर मचाने पर शाह ने कहा कि मेरे पास खुर्शीद का वो इंटरव्यू सेव है और आप कहें तो उसे दिखाने के लिए तैयार हूं। प्रियंका गांधी ने सदन में गृह मंत्री शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘रक्षा मंत्री का लंबा भाषण था। दूसरे भाषण भी सुने। मेरे मन में बार-बार यह बात आई कि सारी बातें कर लीं, इतिहास का पाठ पढ़ा दिया, लेकिन यह नहीं बताया गया कि 22 अप्रैल, 2025 को हमला कैसे हुआ और क्यों हुआ।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘बैसरन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी? क्या सरकार को पता नहीं था कि वहां इतने लोग आते हैं।’’ प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लोग सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नहीं है?’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘उप राज्यपाल (मनोज सिन्हा) एक साक्षात्कार में कहते हैं कि बैसरन घाटी में बहुत ज्यादती हुई है, उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं।’’

उन्होंने दावा किया कि टीआरएफ आतंकी संगठन 2019 में बना और कश्मीर घाटी में पांच साल के दौरान 25 आतंकी हमले किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एजेंसियों की बड़ी विफलता है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘सरकार ने एजेंसियों की विफलता की जिम्मेदारी ली? गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) गृह मंत्री जी के कार्यक्षेत्र में आता है, क्या उन्होंने इस्तीफा दिया? इस्तीफा तो छोड़िए, क्या उन्होंने जिम्मेदारी भी ली?’’ प्रियंका गांधी ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आप इतिहास की बात करिये। मैं वर्तमान की बात करना चाहती हूं। आप 11 साल से सत्ता में हैं और अपनी जिम्मेदारी खुद लीजिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई हमले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था और गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया। उनकी इस देश की जनता के प्रति जवाबदेही थी।’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘उरी, पुलवामा और पठानकोट के समय राजनाथ जी गृह मंत्री थे। अमित शाह जी के गृह मंत्री रहते पहलगाम हमला हुआ, दिल्ली में दंगे हुए, मणिपुर में हिंसा हुई, वह अपने पद पर बने हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय तो प्रधानमंत्री जी चाहते हैं। श्रेय लीजिए। सिर्फ श्रेय लेने से नेतृत्व नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है।’’

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि युद्ध रुक गया और इसका ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री की गैर-जिम्मेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि जंग रुकी क्यों?’’ उन्होंने सरकार पर कूटनीतिक विफलता का भी आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद ने अपने भाषण के आखिर में उन सभी लोगों के नाम पढ़े, जो 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में मारे गए थे।

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

यह एक सैन्य कार्रवाई थी जिसे भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किया था, लेकिन बाद में इसे अचानक रोक दिया गया, जिस पर प्रियंका गांधी ने सरकार से जवाब मांगा है।

पहलगाम हमला कब हुआ और इसमें कितने लोग मारे गए?

यह हमला 22 अप्रैल, 2025 को हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनके नाम प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पढ़े।

प्रियंका गांधी ने किस बात को लेकर गृह मंत्री की आलोचना की?

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर आतंकियों को शरण देने, सुरक्षा विफलता और जिम्मेदारी से भागने के आरोप लगाए।