दुनियाभर की सरकारों के समक्ष कोविड टीकों का त्वरित वितरण प्रमुख चुनौती : डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ

दुनियाभर की सरकारों के समक्ष कोविड टीकों का त्वरित वितरण प्रमुख चुनौती : डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ

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  • Publish Date - January 5, 2021 / 09:17 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

तिरुवनंतपुरम, पांच जनवरी (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से जुड़े दो दिग्गज भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा है कि अब जब भारत कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी टीकाकरण अभियान चलाने जा रहा है तो इस दौरान उसे पूरी आबादी की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की खातिर टीकों का तेजी से वितरण करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

डब्ल्यूएचओ में मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन और परामर्शदाता डॉ. हम्सादवानी कुगानंथम ने कहा कि यह चुनौती न केवल भारत के समक्ष होगी बल्कि दुनिया के सभी देशों की सरकारों के सामने भी होगी जो महामारी से मुकाबले करने के लिए अपनी आबादी का टीकाकरण शुरू करने जा रहे हैं।

रविवार को भारत के औषधि नियामक ने ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशिल्ड’ और भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ के सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने कहा कि वर्तमान में करीब 45 संभावित टीकों का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है और 156 संभावित टीकों का क्लिनिकल परीक्षण से पहले का मूल्यांकन चल रहा है।

कोविड-19 के उपचार एवं टीकों के विकास, उत्पादन तथा इन तक समान पहुंच को गति देने के लिए वैश्विक सहयोग ‘कोवैक्स’ पहल की शुरुआत कोलिशन ऑफ एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन्स (सीईपीआई), गावी (बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा गठित वैक्सिन अलायंस) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर की है।

वैज्ञानिकों ने मनोरमा ईयरबुक 2021 में एक आलेख में लिखा, ‘‘यह एकमात्र ऐसी वैश्विक पहल है जिसमें सरकारों और उत्पादकों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोविड-19 का टीका दुनिया में उच्च आय वाले देशों समेत निम्न आय वाले देशों तक भी पहुंच सके।’’

इसमें आगे बताया गया, ‘‘कोवैक्स का लक्ष्य है 2021 के अंत तक मंजूरी प्राप्त सुरक्षित एवं प्रभावी टीकों की दो अरब खुराकों की आपूर्ति करना।’’

वैज्ञानिकों ने इसमें बताया कि सभी भागीदार देशों को उनकी आबादी के अनुपात में बराबर संख्या में टीके उपलब्ध करवाए जाएंगे। आगे की खुराकें देश की जरूरत, कोविड-19 के खतरे आदि को देखकर उपलब्ध करवाई जाएंगी।

उन्होंने कहा कि इस सब के बावजूद भी निरंतर सतर्कता बरतना, जांच, उपचार और संक्रमितों के संपर्कों की तलाश भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

भाषा मानसी वैभव

वैभव