गणतंत्र दिवस परेड में राफेल विमान ने पहली बार हिस्सा लिया, हैरतअंगेज करतब दिखाये

गणतंत्र दिवस परेड में राफेल विमान ने पहली बार हिस्सा लिया, हैरतअंगेज करतब दिखाये

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  • Publish Date - January 26, 2021 / 08:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राजपथ पर परेड में हाल ही में वायुसेना में शामिल किये गए राफेल लड़ाकू विमान ने पहली बार हिस्सा लिया और एकल प्रदर्शन के तहत आकाश में ‘ब्रह्मास्त्र’ की आकृति और चार अन्य लड़ाकू विमानों के साथ ‘एकलव्य’ आकृति बनाने का अद्भत नजारा प्रस्तुत किया।

एकलव्य आकृति का निर्माण करते हुए राफेल विमान का साथ दो जगुआर और दो मिग-29 विमानों ने दिया । राफेल की अगुवाई में इन लड़ाकू विमानों ने आसमान में ‘वी’ आकृति उकेरी।

गणतंत्र दिवस परेड देखने करीब 25 हजार की संख्या में आए लोग आकाश की ओर टकटकी लगाये हुए थे । जब राफेल ने आसमान में ब्रह्मास्त्र की आकृति उकेरी और कुछ दूरी तक नीचे की ओर आकर फिर 90 डिग्री पर उड़ान भरी तब लोगों का उत्साह देखते ही बनता था ।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 10 सितंबर को भारतीय वायुसेना में पांच बहुभूमिका वाले राफेल लड़ाकू विमान शामिल किये गए जिससे भारत की वायु रक्षा क्षमता में काफी इजाफा हुआ है ।

मंगलवार को गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायु सेना के 38 विमानों ने हिस्सा लिया जबकि भारतीय सेना के चार विमान इसमें शामिल हुए। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल का भी प्रदर्शन किया गया।

गणतंत्र दिवस पर पारंपरिेक रूप से ही आकाशीय परेड (फ्लाई पास्ट) को दो हिस्सों में बांटा गया था । इसमें पहले हिस्से के तहत प्रदर्शन परेड के साथ हुआ जबकि दूसरे हिस्से में विमानों ने परेड के बाद अद्भुत करतब दिखाये ।

पहले हिस्से में चार एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टरों ने ‘निशान’ आकृति बनाई और राष्ट्र ध्वज के साथ तीनों सेनाओं के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन किया ।

इसके बाद चार हेलीकाप्टरों ने ‘ध्रुव’ आकृति बनाई। फिर एक डकोटा विमान के साथ दो एमआई 17 वी5 हेलीकाप्टरों ने ‘रूद्र’ आकृति उकेरी। डकोटा विमान ने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी । भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर विजय को मनाने के लिये एक वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था ।

विमानों के प्रदर्शन के दूसरे हिस्से में नौ आकृतियों का निर्माण किया गया जिसमें सुदर्शन, रक्षक, भीम, नेत्र, गरूड़, एकलव्य, त्रिनेत्र, विजय और ब्रह्मास्त्र आकृतियां शामिल हैं ।

परेड में एक चिनूक और दो एमआई17 वी5 हेलीकाप्टरों ने सुदर्शन आकृति बनाई जबकि एक एमआई-35 और चार अपाचे हेलीकॉप्टरों ने रक्षक, तीन सी-130जे विमानों ने भीम आकृति तथा दो सुखोई विमानों के साथ स्वदेशी त्वरित चेतावनी और नियंत्रण विमान-नेत्र की आकृति उकेरी।

दो मिग-29 और दो सुखाई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के साथ सी-17 ग्लोबमास्टर ने गरूड़ की आकृति का निर्माण किया जबकि तीन सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने त्रिनेत्र आकृति बनाई। तीन उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों ने विजय आकृति का निर्माण किया ।

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हल्के लड़ाकू विमान तेजस और स्वदेशी टैंक रोधी मिसाइल ध्रुवास्त्र के मॉडल का भी प्रदर्शन किया गया। परेड के दौरान झांकी में विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम और अन्य हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया ।

इसमें टैंक-रोधी प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकियों में भारत की सफलता को प्रदर्शित करते हुए डीआरडीओ की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) सिस्टम के पूर्ण परिशिष्ट को दर्शाने वाली झांकी प्रस्तुत की गई ।

इसके अलावा झांकियों में नाग (एनएजी), हेलिना (एचईएलआईएनए), एमपीएटीजीएम, सैंट(एसएएनटी) आदि भी प्रदर्शित किये गए ।

परेड में भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दस्ते में चार अधिकारी और 96 सैनिक शामिल थे। मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट तानिक शर्मा ने किया और इसमें अन्य अधिकारियों में फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनजीत सिंह, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अपूर्वा यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कुटप्पा शामिल थे ।

भाषा दीपक दीपक मानसी

मानसी