(मोहित सैनी)
नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ‘नॉर्थ कैम्पस’ का बिना सूचित किये दौरा करने को विश्वविद्यालय की प्रक्रियाओं की ‘अवहेलना’ और प्रोटोकॉल का ‘उल्लंघन’ करार दिया।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि वह गांधी के इस फैसले की सराहना नहीं करते, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह के कदम की सराहना नहीं करते। परंपरा के अनुसार, उन्हें हमें सूचित करना चाहिए था। पिछले साल भी वह हमें सूचित किए बिना हमारे (डीयू) परिसर में आए थे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं। उनका एक प्रोटोकॉल है जिसका पालन किया जाना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय हमारे देश का एक बहुत बड़ा संस्थान है। उन्हें हमें और स्थानीय पुलिस को भी सूचित करना चाहिए था।’’
कुलपति ने कहा कि सूचित किया जाना सुरक्षा तैयारियों के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यवस्था की होती और अपने (डीयू) प्रशासन को भी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया होता। वह डूसू (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ) के कार्यालय में आए थे।’’
गांधी ने 22 मई को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के छात्रों से संवाद करने के लिए विश्वविद्यालय का दौरा किया था।
हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि इस यात्रा ने डीयू के प्रशासनिक कार्यों को बाधित किया और मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।
विश्वविद्यालय प्रॉक्टर के कार्यालय ने पुष्टि की कि यह यात्रा ‘‘अनधिकृत’’ थी और प्रोटोकॉल का पालन करने के महत्व को दोहराया, खासकर वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों के लिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने और उसके एक नेता द्वारा डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री के कार्यालय की दीवार पर गोबर पोतने के बाद परिसर में तनाव और बढ़ गया।
कांग्रेस की छात्र शाखा, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और एबीवीपी पर गांधी की हालिया यात्रा के बाद परिसर में अशांति पैदा करने का आरोप लगाया था।
भाषा सुभाष माधव
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