जयपुर, 19 सितंबर । राजस्थान सरकार ने बच्चों को ‘‘ऑनलाइन गेम’’ की लत से बचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों को परामर्श जारी किया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा शनिवार को जारी परामर्श में कुछ तकनीकी उपाय सुझाए गये हैं, जो बच्चों की गतिविधियों और उनके गेम खेलने पर नजर रखने में मददगार होंगे।
अभिभावकों और शिक्षकों से कहा गया है कि वे नजर रखें कि बच्चे के व्यवहार में अचानक कोई असामान्य परिवर्तन तो नहीं आया है या पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा समय इंटरनेट, खास तौर पर सोशल मीडिया पर तो नहीं दे रहे हैं, या इसके बाद उनके व्यवहार में आक्रमकता तो नहीं है।
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परामर्श में कहा गया है कि घर में इंटरनेट के उपयोग के दौरान ‘इंटरनेट गेटवे’ का उपयोग करें, ताकि बच्चों द्वारा इंटरनेट के उपयोग, उसके लॉगइन और उसके द्वारा देखी जाने वाली सामग्री की प्रभावी निगरानी की जा सके। उसमें कहा गया है, यह सुनिश्चित करें कि बच्चा जिस कंप्यूटर का उपयोग करता है, वह एकांत में ना होकर घर में ऐसी जगह पर हो जहां सबकी नजर जाती हो।
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परिषद की उपायुक्त सना सिद्दीकी ने कहा, ‘‘तकनीक के इस युग में बच्चों के बीच ऑनलाइन गेम बहुत लोकप्रिय हैं। कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे पहले के मुकाबले मोबाइल और इंटरनेट पर ज्यादा समय देने लगे हैं, जिसके कारण बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग भी तेजी से बढ़ी है।’’ उन्होंने कहा कि बच्चों को ऑनलाइन गेम आसानी से उपलब्ध हैं और उन्हें खेलने के लिए घर में कंप्यूटर, टैब और मोबाइल इंटरनेट से जुड़े हुए हैं।
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