राजस्थान ने छह माह में जल उपलब्धता के नये आयाम स्थापित किये : मंत्री

राजस्थान ने छह माह में जल उपलब्धता के नये आयाम स्थापित किये : मंत्री

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 12:23 AM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 12:23 AM IST

जयपुर, 22 जुलाई (भाषा) राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश ने विगत छह माह में जल उपलब्धता के नये आयाम स्थापित किये हैं।

उन्होंने बताया कि बजट में लिये गए 10 संकल्पों में भी पानी की उपलब्धता, किसानों का आर्थिक सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण सहित ‘परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ का संकल्प शामिल है।

उन्होंने कहा कि समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में जल संसाधन और इंदिरा गांधी नहर विभाग के लिए 6,556 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया है।

रावत सोमवार को विधानसभा में जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग (मांग संख्या-42) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे।

चर्चा के बाद सदन ने जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग की 6,556 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए केन्द्र सरकार, राजस्थान सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार के बीच 28 जनवरी 2024 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) किए गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। हमारी सरकार ने राज्य की पेयजल आवश्यकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार से पत्राचार कर संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को क्रियान्वित करने की अनुमति प्राप्त की गई। साथ ही, कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ करने के लिए कार्यादेश जारी कर जून, 2024 में अनुबंध भी किया जा चुका।’’

रावत ने कहा कि इस परियोजना से राज्य के 13 जिलों की तीन करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा तथा पांच लाख किसान परिवारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र की 30 साल पुरानी यमुना जल की मांग को पूरा करने के लिए 17 फरवरी 2024 को राजस्थान, हरियाणा और केंद्र सरकार के मध्य एमओयू हुआ।

उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज पर राजस्थान को आवंटित यमुना जल को प्रथम चरण में भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से लाये जाने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट राजस्थान, हरियाणा और केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जाएगी।

रावत ने बताया कि परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना पर वर्ष 2024-25 में 750 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

भाषा कुंज खारी

खारी