सिख व्यक्ति पर पुलिस के हमले के खिलाफ रैलियां निकाली गयीं

सिख व्यक्ति पर पुलिस के हमले के खिलाफ रैलियां निकाली गयीं

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  • Publish Date - October 10, 2020 / 06:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

कोलकाता, 10 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के हावड़ा में दो दिन पहले राज्य सचिवालय तक भाजपा के मार्च के दौरान सिख व्यक्ति की पुलिस द्वारा कथित तौर पर पिटाई किये जाने और उसकी पगड़ी खींचे जाने के खिलाफ सिख समुदाय के सदस्यों ने रैलियां निकालीं। वहीं विपक्षी भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया।

तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताया और इसे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कहा।

विपक्षी कांग्रेस ने भी भाजपा पर सिख समुदाय के लिए घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया।

उसने राज्य पुलिस के प्रदर्शनों से निपटने के तरीके की भी निंदा की।

प्रदर्शनकारियों ने आठ अक्टूबर को पंजाब के बठिंडा निवासी 43 वर्षीय सिख व्यक्ति बलविंदर सिंह के साथ हुई घटना को लेकर रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार रात बांग्ला में नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्पष्टीकरण मांगा।

पुलिस ने आठ अक्टूबर को भाजपा के मार्च के दौरान सिंह के पास से गोलियों से भरी हुई पिस्तौल मिलने का दावा किया है।

भाजपा का दावा है कि भारतीय सेना के पूर्व सैनिक सिंह इस समय भाजपा के एक नेता के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने एस्प्लेनेड क्रासिंग के निकट सेंट्रल एवेन्यू में नारेबाजी करते हुए कहा, ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बताएं कि आपकी पुलिस ने सिख व्यक्ति की पगड़ी क्यों खींची? आप वजह बताएं या फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें।”

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘बलविंदर सिंह जी की पगड़ी खींचकर बंगाल पुलिस और तृणमूल कांग्रेस ने देश के सभी सिखों का अपमान किया है। बंगाल में एक समुदाय विशेष को छोड़कर क्या बाकी किसी की धार्मिक भावनाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है?’’

वहीं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘‘अगर किसी ने गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा। इसका धर्म से क्या लेना-देना? भाजपा ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।’’

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि पुलिस ने जानबूझकर सिंह का अपमान किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमला जानबूझकर नहीं किया गया था। लेकिन उसी वक्त मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल के पुलिसकर्मी इस तरह के प्रदर्शनों से निपटने के लिए उचित तरीके से प्रशिक्षित नहीं हैं।’’

भाषा

वैभव देवेंद्र

देवेंद्र