ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में रिकॉर्ड संख्या में खारे पानी के मगरमच्छों का प्रजनन

ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में रिकॉर्ड संख्या में खारे पानी के मगरमच्छों का प्रजनन

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  • Publish Date - September 1, 2022 / 01:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

केंद्रपाड़ा (ओडिशा), एक सितंबर (भाषा) ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के जलाशयों में रिकॉर्ड संख्या में मगरमच्छ के करीब 3,700 बच्चे अंडे से निकलकर पानी में प्रवेश कर चुके हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि मगरमच्छ प्रजनन के लिए मांद बनाते हैं जहां वे अंडे देते हैं। केंद्रपाड़ा जिले के वन्यजीव अभयारण्य में पिछले वर्ष जहां 84 मांद मिले थे वहीं इस साल इस प्रकार के मांद की संख्या 122 है।

वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि पिछले दो दिनों से अंड़ों से शिशु मगरमच्छों के निकलने का काम शुरू हो गया है और यह एक पखवाड़े तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल लगभग 2,500 मगरमच्छ मांदों से निकले थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अंडे के छिलकों को तोड़कर बाहर निकलते मगरमच्छ के बच्चों का जलाशयों की ओर जाना और पानी में जाने से पहले उन्हें इधर-उधर घूमते देखना किसी मनमोहक, आकर्षक दृश्य से कम नहीं है।’’

मगरमच्छ आम तौर पर समुद्र के खारे पानी में पाए जाने वाले मैंग्रोव की टहनियों, पत्तियों और मिट्टी के आस-पास ऊंची जमीन पर मांद का निर्माण करते हैं, जहां अंडों को सीधे धूप मिल सके और यह बाढ़ से मुक्त हो। ‘मैंग्रोव’ शब्द का अर्थ दलदली क्षेत्र में पेड़ और झाड़ियां होता है।

अधिकारी ने कहा कि वनकर्मी मांदों से सुरक्षित दूरी बनाए रखते हैं क्योंकि मानवीय हस्तक्षेप सरीसृपों को हिंसक और आक्रामक बनाता है। उन्होंने कहा कि मादा मगरमच्छ आमतौर पर वार्षिक प्रजनन के मौसम के दौरान लगभग 50-60 अंडे देती है और 70-80 दिनों तक अंडे सेने के बाद उसमें से बच्चे निकलते हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि, हर 100 में से मुश्किल से एक बच्चा वयस्क हो पाता है क्योंकि उनकी मृत्यु दर बहुत अधिक है। जंगलों में शिकारी जलीय प्रजाति के जीव मगरमच्छ के इन बच्चों को अपना आहार बना लेते हैं।’’

पशु चिकित्सक सुधाकर के अनुसार, मांदों और खारे पानी के मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि वन विभाग द्वारा बेहतर संरक्षण उपायों पर प्रकाश डालती है। इन मांदों को किसी तरह के बाहरी व्यवधान से मुक्त रखने के लिए अभयारण्य को पर्यटकों के लिए 31 मई से 31 जुलाई तक बंद रखा गया था।

672 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला अभयारण्य खाड़ी और नहरों का एक नेटवर्क है और देश में खारे पानी के मगरमच्छों का सबसे बड़ा निवास स्थान है। अधिकारियों ने बताया कि इस साल महानदी डेल्टा क्षेत्र के जलाशयों में कुल 1,784 मगरमच्छ पाए गए।

भाषा सुरभि शोभना

शोभना