मेट्रो यात्रा रियायतों से नियमित किराया संरचना प्रभावित नहीं होनी चाहिए: सरकार

मेट्रो यात्रा रियायतों से नियमित किराया संरचना प्रभावित नहीं होनी चाहिए: सरकार

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  • Publish Date - February 3, 2025 / 10:39 PM IST,
    Updated On - February 3, 2025 / 10:39 PM IST

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि मेट्रो संरचना में यात्रा के लिए किसी भी प्रकार की रियायत को एक अलग तंत्र के माध्यम से लागू करने की जरूरत है, जो रेल कंपनियों के नियमित किराया ढांचे को प्रभावित ना करता हो।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को सावधानीपूर्वक इसके लिए तंत्र तैयार करना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पांच फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर दिल्ली मेट्रो में छात्रों को किराये में 50 प्रतिशत छूट देने का वादा किया है।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार 50:50 प्रतिशत के साझेदार हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीएमआरसी ने सूचित किया है कि उसकी वर्तमान किराया संरचना वैधानिक किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) की सिफारिशों पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार एफएफसी द्वारा अनुशंसित किराया ढांचा मेट्रो कंपनियों के लिए बाध्यकारी है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा नीति कहती है कि मेट्रो कंपनियों के परिचालन को बनाए रखने के लिए संबंधित राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं।

लाल ने लिखित जवाब में कहा, “इसलिए मेट्रो प्रणाली में यात्रा के लिए किसी भी प्रकार की रियायत को मेट्रो रेल कंपनियों के नियमित किराया ढांचे को प्रभावित किए बिना एक अलग तंत्र के माध्यम से लागू करने की आवश्यकता है, जिसे संबंधित राज्य सरकारों द्वारा ईमानदारी से तैयार किया जाना चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो।”

आप का घोषणापत्र जारी करते हुए केजरीवाल ने 27 जनवरी को छात्रों के लिए मेट्रो किराए में 50 फीसदी रियायत देने का वादा किया था।

उन्होंने 17 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छात्रों के लिए छूट की मांग की थी।

भाषा ब्रजेन्द्र प्रशांत

प्रशांत