Relief will available expensive food oil! Government working on this plan

खाने के महंगे तेल से जल्द मिलेगी राहत! इस प्लान पर काम कर रही सरकार…जानें

Relief From expensive food oil: रूस-यूक्रेन के युद्ध का प्रभाव घरेलू खाद्य पदार्थों पर भी पड़ा। घरेलू तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : May 6, 2022/11:57 am IST

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का प्रभाव घरेलू खाद्य पदार्थों पर भी पड़ा था। घरेलू तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी। जिसके बाद सरकार जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए पाम तेल के आयात पर सेस में कटौती करेगी। इससे खाने के तेल जल्द सस्ते हो सकते हैं। इसके पहले ही सेस को 7.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया था। सेस कुछ उत्पादों पर मूल टैक्स लगने के बाद लगाया जाता है। हाल ही में सरकार ने सेस में कटौती की थी लेकिन इससे कुछ खास असर नहीं पड़ा था। जिसके बाद अब एक बार फिर सरकार सेस में कटौती करने पर चर्चा कर रही है।

अब एक बार फिर कच्चे पाम तेल के आयात पर कृषि इन्फ्रा और डेवलपमेंट सेस को पांच फीसदी से कम करने पर विचार किया जा रहा हैं। फिलहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह कटौती कितनी होगी। बता दें सेस का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के खर्च पर किया जाता हैं।

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दो सालों से लगातार बढ़ रही है तेल की कीमतें

एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो साल से भारत में खाद्य तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) का निर्यात बंद हो गया है। इसके साथ ही इंडोनेशिया ने भी पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में पाम तेल और सोयाबीन तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी से घरेलू बाजार में खाद्य तेल के दाम बढ़े हैं। भारत अपनी जरूरतों का 65 फीसदी तेल का आयात करता है जिसमें से 60 प्रतिशत वनस्पति तेल का आयात करता है।

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कीमतों और भंडारण को देखते लिया जाएगा निर्णय

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के पास सेस में कटौती करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इस मुद्दे पर फिलहाल चर्चा जारी है। इसके साथ ही उपभोक्ता मंत्रालय खाद्य तेल की कीमतों और भंडारण को देखते हुए इसपर निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में राइस ब्रान आयल (Rice Bran Oil) और ऑलिव आयल (Olive Oil) जैसे कुछ खास तेलों पर 35 फीसदी आयात शुल्क लगता है। अब इसे घटाकर 35 फीसदी से 30 फीसदी करने की योजना बनाई जा रही है।

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