भारत में आज 2900 से अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि, 50 हजार के करीब पहुंचा कुल मरीजों का आंकड़ा

भारत में आज 2900 से अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि, 50 हजार के करीब पहुंचा कुल मरीजों का आंकड़ा

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  • Publish Date - May 6, 2020 / 03:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने देश में कल से 17 मई तक के लिए लॉक डाउन 3.0 लागू कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी जानकारी अनुसार देश में पिछले 24 घंटे के भीतर 2,900 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 49391 हो गई है। अब तक कुल 14,183 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि पिछले 24 घंटे में 1,457 मरीज ठीक हुए हैं। इससे ठीक होने की हमारी कुल दर 28.72% हो गई है।

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वहीं दूसरी ओर भारत सरकार राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर, एक वर्गीकृत, पूर्व-निर्धारित और सक्रिय दृष्टिकोण को अपनाते हुए, कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन की दिशा में कई प्रकार के कदम उठा रही है। इनकी उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने आज गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, नितिनभाई पटेल और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री, राजेश टोपे के साथ दोनों राज्यों में कोविड-19 के प्रबंधन और रोकथाम की स्थिति, कार्रवाई और तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री, अश्विनी कुमार चौबे और केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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डॉ हर्षवर्धन ने इस बात को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं की उपेक्षा न हो सके। इसके अलावा, राज्यों को यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआई)/ इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) मामलों की स्क्रीनिंग और परीक्षण किया जाए, जिससे उभरते हुए किसी भी हॉटस्पॉट की पहचान करने और समय पर उसके प्रबंधन के लिए उपयुक्त रणनीति बनाने में मदद मिल सकेगी।

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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, कोविड-19 की सूचना को कलंक के रूप में देखने के दृष्टिकोण को दूर करने के लिए संचार की अति महत्वाकांक्षी व्यवहार परिवर्तन अभ्यास को अपनाए जाने की जरूरत है, जिससे समय पर सूचना, नैदानिक प्रबंधन और मृत्यु दरों में कमी लाने में मदद मिलेगी।

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