Creamy Layer on ST and SC: क्या एसटी-एससी वर्ग में भी होगी ‘क्रीमी लेयर’ की व्यवस्था?.. सुको ने स्वीकार की याचिका, अक्टूबर में होगी सुनवाई

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। न्यायालय ने साफ कहा कि ये अत्यंत संवेदनशील विषय है और इस पर सोच-समझकर निर्णय लेना होगा।

  •  
  • Publish Date - August 14, 2025 / 12:37 PM IST,
    Updated On - August 14, 2025 / 01:16 PM IST

Creamy Layer on ST and SC || Image- The Hans India

HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी क्रीमी लेयर पर सुनवाई।
  • आरक्षण का लाभ केवल गरीबों-पिछड़ों तक सीमित हो।
  • सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा संवेदनशील मुद्दे पर जवाब।

Creamy Layer on ST and SC: नई दिल्ली: भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण प्रकरण पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है। यह प्रकरण अनुसूचित जाति-जनजाति के भीतर ‘क्रीमी लेयर’ लागू किये जाने से जुड़ा है। याचिका में कहा गया है कि, सरकारी नौकरी और सरकारी कॉलेजों में मिलने वाला रिजर्वेशन का फायदा उन्हें हासिल होना चाहिए जो आज भी अपनी जाति में सबसे ज्यादा गरीब और बैकवर्ड यानी पिछड़े हैं। इस तरह जो पहले से ही आरक्षण का लाभ उठाकर आगे बढ़ चुके हैं, क्या उन्हें अब भी आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं।

READ MORE: School Closed Collector Order: स्वतंत्रता दिवस पर भी नहीं खुलेंगे स्कूल!.. कक्षा 1 से 12 तक छुट्टी का आदेश, प्राइवेट स्कूल भी बंद रखने का फरमान

पिछड़ों को नुकसान

दरअसल इस संबंध में याचिका दायर हुए कहा गया था कि, समाज के सबसे पिछड़े तबके को आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए। अमूमन देखा गया है कि आरक्षित वर्ग एसटी, एससी और ओबीसी में भी कई अहम पदों पर बैठे लोग इसका लाभ ले लेते है जिस वजह से समाज के सबसे गरीब और पिछड़ों को इसका फायदा नहीं मिल पाता।

READ ALSO: Himachal Cloudburst: हिमाचल और लद्दाख में बादल फटने से भारी तबाही! बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, अब तक 126 लोगों की मौत, भारी आर्थिक नुकसान

अत्यंत संवेदनशील मुद्दा

Creamy Layer on ST and SC: जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। न्यायालय ने साफ कहा कि ये अत्यंत संवेदनशील विषय है और इस पर सोच-समझकर निर्णय लेना होगा। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आरक्षण के कारण अजा, अजजा और अपिव समुदाय के कई लोग अब अच्छी सरकारी नौकरियों में हैं, उनके पास अच्छा घर, शिक्षा और सुविधाएं हैं। ऐसे में अब ये सोचना जरूरी है कि क्या उन्हें अभी भी उसी तरह आरक्षण मिलता रहना चाहिए, जबकि उनकी ही जाति के बाकी लोग अभी भी गरीब हैं और पिछड़ेपन से जूझ रहे हैं।

❓ 1. क्रीमी लेयर क्या है और यह SC/ST पर क्यों लागू करने की बात हो रही है?

उत्तर: क्रीमी लेयर एक ऐसा सिद्धांत है जिसके तहत पिछड़े वर्ग (OBC) में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम लोगों को आरक्षण के लाभ से बाहर रखा जाता है। अब सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चल रहा है कि क्या यही सिद्धांत अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) पर भी लागू किया जाए, ताकि वास्तव में गरीब और जरूरतमंद लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिले।

❓ 2. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या विचार कर रहा है?

उत्तर: सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने माना है कि यह एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और कहा है कि यह तय करना ज़रूरी है कि जो लोग पहले से आरक्षण का लाभ लेकर सक्षम हो चुके हैं, क्या उन्हें अभी भी आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं।

❓ 3. अगर SC/ST में क्रीमी लेयर लागू होती है तो किसे फायदा या नुकसान होगा?

उत्तर: अगर क्रीमी लेयर लागू होती है, तो उन SC/ST उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा जो आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज के सबसे गरीब, जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों तक आरक्षण की सुविधा पहुंचे।