नई दिल्ली। देश की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बुधवार को भारत सरकार भारतीय सेना के राष्ट्रीय राइफल के शहीद जवान औरंगजेब और मेजर आदित्य कुमार को शौर्यचक्र देकर सम्मानित करेगी। शहीद जवान औरंगजेब को आतंकियों ने 14 जून को पुलवामा से अपहरण कर लिया था। वे तब ईद पर छुट्टियां मनाने अपने घर जा रहे थे।
आतंकियों ने औरंगजेब का मरने से पहले का वीडियो भी जारी किया था। औरंगजेब के पिता हनीफ भी सेना से रिटायर हुए हैं। वहीं आतंकियों ने वर्ष 2014 में औरंगजेब के चाचा को भी अगवा कर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने औरंगजेब को गोलियों से छलनी कर उनका शव पुलवामा जिले के गुस्सू इलाके में फेंक दिया था। औरंगजेब के चेहरे, गर्दन और सिर पर कई गोलियों के निशान मिले थे।
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वहीं गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड हैं। उन्होंने आतंकियों के खात्मे के लिए कई सफल ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई है। इसी वर्ष जनवरी में सेना का काफिला सर्च ऑपरेशन से लौट रहा था। इसी दौरान शोपियां में पत्थरबाजों ने पथराव शुरू कर दिया। जवानों को अपनी जान बचाने के लिए फायरिंग तक करनी पड़ी। इससे तीन पत्थरबाज मारे गए थे।
इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर की तत्कालीन सरकार ने मेजर आदित्य पर एफआइआर दर्ज करवा दी इस पर मेजर के पिता ने एफआइआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर मेजर आदित्य पर कार्रवाई होती है तो इससे सेना के कर्तव्य निर्वहन में और आर्मी जवानों के मनोबल पर असर पड़ेगा।
वेब डेस्क, IBC24