मुंबई। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार सुबह 11 बजे से जारी है। इधर इससे पहले एनडीए में सहयोगी दल शिवसेना ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। शिवसेना ने भाजपा पर विश्वासघात और चुनावों के दौरान बेहिसाब धन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे एक लेख में शिवसेना ने कहा है कि सवाल कश्मीर का हो या जनता के अच्छे दिनों का, लोगों को सपने दिखाने का हो या महंगाई का, सभी स्तर पर जनता की पीठ में सिर्फ छुरा घोंपा गया। आज सच बोलना देशद्रोह हो जाता है लेकिन विश्वासघात करना, जनता को छलना शिष्टाचार बन जाता है।
शिवसेना ने एनडीए में फूट का भी मुद्दा उठाया। शिवसेना ने कहा कि सवाल पूछा जा रहा है कि क्या अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्षी एकता दिखेगी। लेकिन यही सवाल एनडीए के कुछ साथियों से भी पूछा जा सकता है। भाजपा के खुद के पास बहुमत है लेकिन जिन लोगों ने यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है वो तेलगू-देशम पार्टी कल तक एनडीए का हिस्सा थी, फिर वो क्यों छोड़कर गए। अन्य की बात छोड़ भी दी जाए तो जिस शिवसेना ने बुरे समय में भाजपा का साथ दिया, वह शिवसेना भी कागज पर ही एनडीए के साथ है।
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सामना में लिखे लेख में कहा गया है कि भाजपा के पास बहुमत साबित करने के लिए जरुरी आंकड़ा है इसलिए मतदान के बाद सरकार गिर जाएगी, इस बारे में कोई विचार नहीं कर रहा है। राजनीति में फौज का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए युद्ध से पहले कई गर्जनाएं करनी पड़ती हैं। कहा गया कि विरोधी पार्टियों द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सरकार गिराने के लिए नहीं बल्कि मोदी सरकार को अभियुक्त के पिंजरे में खड़ा करके उसकी चमड़ी उधेड़ने के लिए है।
बता दें कि शिवसेना ने आज सुबह तक यह साफ नहीं किया था कि वह अविश्वास प्रस्ताव के दौरान क्या रुख अपनाएगी। अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले ही शिवसेना ने घोषणा की कि पार्टी वोटिंग की प्रक्रिया से बाहर रहेगी।
वेब डेस्क, IBC24