सिंघू बॉर्डर: लंबी लड़ाई को तैयार किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना किया शुरू

सिंघू बॉर्डर: लंबी लड़ाई को तैयार किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना किया शुरू

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  • Publish Date - February 11, 2021 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी गतिरोध के जल्द समाप्त ना होने की संभावना के बीच दिल्ली से लगे सिंघू बॉर्डर पर किसानों ने लंबी लड़ाई के लिए प्रदर्शन स्थल पर बुनियादी ढ़ांचे मजबूत करने शुरू कर दिए हैं।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के तीन कानूनों को वापस लेने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने तक आंदोलन जारी रखने की बात दोहराई है।

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर साजो-सामान का प्रबंधन देखने वाले दीप खत्री ने कहा, ‘‘ हम लंबे समय तक प्रदर्शन करने के लिए अपनी संचार-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे मजबूत कर रहे हैं।’’

मोर्चा मुख्य मंच के पास और जीटी करनाल रोड पर प्रदर्शन स्थल के आसपास सुरक्षा बढ़ाने और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए 100 सीसीटीवी कैमरे लगा रहा है।

खत्री ने कहा, ‘‘ हम कैमरों की फुटेज देखने और यहां होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मुख्य मंच के पीछे एक नियंत्रण कक्ष भी तैयार कर रहे हैं, क्योंकि हर दिन यहां ढेर सारे लोग आते-जाते हैं।’’

उन्होंने बताया कि प्रदर्शन स्थल के आसपास गश्त लगाने, यातायात नियंत्रित करने और रात में पहरा देने के लिए 600 स्वयंसेवकों का एक दल गठित किया गया है। इन स्वयंसेवकों को आसानी से पहचान में आने वाली हरे रंग की जैकेट और पहचान पत्र (आईडी) दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 700-800 मीटर की दूरी पर अहम स्थानों पर 10 एलसीडी स्क्रीन लगाने का काम भी जारी है, ताकि प्रदर्शन कर रहे किसान मुख्य मंच पर अपने नेताओं के भाषणों का सुन पाएं और अन्य गतिविधियों को देख सकें।

खत्री ने कहा, ‘‘ हम इन स्थानों का इस्तेमाल एम्बुलेंस के ‘पिट स्टॉप’ के तौर पर भी करेंगे और किसी भी आपात स्थित में स्वयंसेवकों के दल यातायात प्रबंधक, गश्ती दलों की मदद करेंगे।’’

खत्री ने कहा कि सरकार द्वारा इंटरनेट बंद करने की स्थिति में मोर्चा अलग ‘ऑपटिकल फाइबर लाइन’ की सेवाएं लेगा, ताकि ‘वाईफाई’ उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने बताया कि गर्मी का मौसम आने के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुख्य मंच के पास ‘इलेक्ट्रिक फैन’ और ‘एसी’ भी लगवाए जा रहे हैं और अन्य सेवाएं भी बेहतर की जा रही हैं।

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि वे महीनों तक प्रदर्शन करने को तैयार हैं और इसके लिए लोगों तथा संसाधनों की कोई कमी नहीं है।

पंजाब के मोगा के निवासी रंजीत सिंह ने कहा, ‘‘ लंगर हमारी संस्कृति का हिस्सा है, इसलिए खाने की कोई समस्या नहीं है। कई किसान यहां आते हैं, कई दिनों तक यहां रहते हैं और फिर वापस अपने गांव जाकर खेतों में काम करते हैं… तब तक अन्य किसान हमारा साथ देने यहां आ जाते हैं। ऐसे ही चल रहा है और किसानों की कोई कमी नहीं है।’’

दिल्ली से लगे गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा था कि किसान आंदोलन लंबा चलने वाला है और आने वाले दिनों में यह देशभर में फैलेगा।

नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर गत वर्ष नवम्बर से डटे हुए हैं।

सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच अभी तक 11 दौर की बैठकें बेनतीजा रही है।

टिकैत ने बुधवार को कहा था कि सरकार को मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए किसान नेताओं से बात करनी चाहिए।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद