बेटी के साथ बहन को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, नियमों में होने जा रहा बड़ा बदलाव

बेटी के साथ बहन को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति! compassionate appointment in indian army news defence

बेटी के साथ बहन को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, नियमों में होने जा रहा बड़ा बदलाव
Modified Date: December 27, 2022 / 09:12 pm IST
Published Date: December 27, 2022 9:12 pm IST

नईदिल्ली। compassionate appointment in indian army news defence सेना में शहीदों की बहन और बेटी को भी अनुकंपा आधार पर नौकरी मिल सकेगी। सेना में चल रहे सुधार कार्य की कड़ी में यह पहल की जा रही है। रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की सिफारिश के बाद सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।

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compassionate appointment in indian army news defence नियुक्ति को जेंडर न्यूट्रल बनाने की सिफारिश समिति ने इस तरह की नियुक्ति को लिंग भेदभाव के बिना (जेंडर न्यूट्रल) बनाने की सिफारिश की थी। इसमें कहा गया था कि शहीद जवान के एक बेटे या भाई को अनुकंपा के आधार पर सेना में तुरंत मिलने वाली नियुक्ति को उसकी बेटी या बहन तक विस्तारित किया जा सकता है।

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अभी ये हैं नियम

मौजूदा नियमों के मुताबिक, यदि जेसीओ या किसी भी रैंक का जवान युद्ध में शहीद होता है तो सेना तत्काल उसके एक बेटे को सेना में नियुक्ति प्रदान करती है। यदि उसकी उम्र कम है तो उसे इंतजार करना होता है। लेकिन बेटी की नियुक्ति का विकल्प अभी नहीं है। यदि शहीद हुआ जवान अविवाहित है तो उसके एक सगे भाई को यह मौका दिया जाता है लेकिन बहन के लिए विकल्प नहीं है।

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लेकिन यदि शहीद विवाहित था लेकिन कोई बच्चे नहीं हैं या लड़का नहीं है, या छोटा है तो भी सगे भाई को मौका दिया जाता है लेकिन शर्त यह होती है कि वह शहीद की विधवा से शादी करे। इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति ने काफी विचार-विमर्श के बाद हाल में रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।

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इसलिए जरूरत पड़ी

मौजूदा नियमों के चलते इस योजना का लाभ सभी शहीद सैनिकों के परिजनों को नहीं मिल पाता है। समिति के समक्ष नौसेना ने बताया कि 2014 से शहीदों के परिजनों को 35 नियुक्तियां दी गई हैं। जबकि वायुसेना ने 2016 से कुल 30 नियुक्तियां दी हैं। लेकिन सेना की तरफ से बताया गया है कि उसके पास कोई आंकड़ा नहीं है। समिति ने इस बात पर आश्चर्य जताया है। समिति ने सेना से कहा है कि वह ऐसी नियुक्तियों के आंकड़े तैयार करे और हमारे समक्ष रखे।

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सेना में सुधार की कवायद तेज

सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा, यह सिफारिश अहम है। दरअसल, ये नियम बहुत पुराने हैं। उस समय सेना में महिलाओं की भर्ती नहीं होती थी। आज तीनों सेनाओं में महिला सैनिक हैं, इसलिए इस सिफारिश पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। बता दें कि सेना में मिलिट्री पुलिस के रूप में महिला सैनिकों की भर्ती की जा रही है। उधर, वायु और नौसेना में भी महिला जवानों के लिए इसी साल से एंट्री खोल दी गई है।

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समान अवसर पर जोर

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नियम बहुत पुराने हैं तथा लंबे समय से इनकी समीक्षा नहीं की गई है। मूलत यह नियम पुरुष केंद्रित हैं जो कि आज के हिसाब से गैर जरूरी हैं। आज इन नियमों को जेंडर न्यूट्रल बनाए जाने की जरूरत है। इसलिए ऐसे हालात में बेटी और सभी बहन को भी मौका मिलना चाहिए।

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