प्रत्येक चुनाव में सत्ता का सुगम हस्तांतरण भारतीय लोकतंत्र का विशिष्ट गुण: लोकसभा अध्यक्ष

प्रत्येक चुनाव में सत्ता का सुगम हस्तांतरण भारतीय लोकतंत्र का विशिष्ट गुण: लोकसभा अध्यक्ष

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  • Publish Date - January 8, 2021 / 12:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

देहरादून, आठ जनवरी (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि भारत में स्वतंत्रता के बाद 17 आम चुनावों तथा 300 से अधिक विधानसभा चुनावों में सत्ता का सुगम हस्तांतरण भारतीय लोकतंत्र का विशिष्ट गुण रहा है।

उन्होंने कहा कि शासन के केंद्र में लोगों का होना संविधान की मूल अवधारणा रहा है और इससे लोकतंत्र में नागरिकों का विश्वास गहरा हुआ है।

बिरला ने यह भी कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किए बिना और उन्हें लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाए बिना देश सशक्त नहीं हो सकता।

पंचायत प्रतिनिधियों को संसद की कार्यप्रणली और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से परिचित कराने से संबंधित कार्यक्रम में बिरला ने यहां कहा कि भारतीय लोकतंत्र की शक्ति के पीछे ग्राम पंचायत मुख्य शक्ति हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘17 आम चुनावों और 300 से अधिक विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता का सुगम हस्तांतरण हमारे लोकतंत्र की विशिष्टता रहा है। हमने पंचायत से लेकर संसद तक लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रयास किए हैं।’’

उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ग्राम सभा जैसी पंचायती राज संस्थाएं हमारी लोकतांत्रिक परंपरा रही हैं। लोकतंत्र की हमारी अवधारणा मजबूत है।’’

बिरला ने कहा कि यदि पंचायती राज संस्थाएं सुचारू रूप से और जिम्मेदारी के साथ चलें तो समाज में एक समग्र परिवर्तन लाया जा सकता है।

उन्होंने उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन के विकास की संभावना के बारे में भी बात की।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस कार्यक्रम में वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल हुए।

रावत ने कहा, ‘‘भारत पंचायती राज संस्थाओं की वजह से लोकतंत्र के रूप में मजबूत है। शहरी क्षेत्रों में विकास पारस्परिक रूप से ग्रामीण विकास पर निर्भर है। विकास के भ्रष्टाचार मुक्त मॉडल के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।’’

कार्यक्रम में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, राज्य के पंचायती राज मंत्री अरविन्द पांडेय और लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी शामिल हुए।

इस कार्यक्रम का आयोजन संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लोकसभा सचिवालय ने उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर किया।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव