कोलकाता, 29 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में उग्र भीड़ ने सोमवार को मगराहाट स्थित एसआईआर सुनवाई केंद्र का दौरा कर रहे निर्वाचन आयोग के विशेष मतदाता सूची पर्यवेक्षक (एसआरओ) सी मुरुगन के वाहन को घेर लिया, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया। निर्वाचन आयोग के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने कथित घटना से जुड़ा एक वीडियो साझा किया, जिसमें प्रदर्शनकारी एसआरओ की कार के निकास मार्ग को बाधित करते और वाहन के बोनट व खिड़की के शीशों पर जोर-जोर से प्रहार करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कुछ पुलिसकर्मी सुरक्षा घेरा बनाकर प्रदर्शनकारियों को रास्ते से हटाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में कार के चालक की तरफ वाले दरवाजे के हैंडल को उखड़ी हुई अवस्था में देखा जा सकता है।
हालांकि, ‘पीटीआई’ वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
निर्वाचन आयोग के सूत्र के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने शिराकोल हाई स्कूल में स्थापित एसआईआर सुनवाई केंद्र पहुंचे मुरुगन की कार का घेराव किया और मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास को “बिना तैयारी कार्यान्वित करने” का आरोप लगाया, जिसके तहत बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती मतदाताओं को सुनवाई सत्रों में “जबरन पेश होने” के लिए मजबूर किया जा रहा है।
चश्मदीदों के बयान के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली जिला परिषद के अध्यक्ष मुजीबर रहमान मोल्लाह की अगुवाई में स्थानीय प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने विशेष रोल पर्यवेक्षक का घेराव किया और मांग की कि पार्टी के बूथ स्तरीय एजेंट-2 (बीएलए-2) को सुनवाई सत्रों में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
रहमान ने कहा, “यह कोई राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन नहीं था। यह आम जनता का, दिव्यांगों का, बीमार व्यक्तियों का, बुजुर्गों का और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं का भी विरोध-प्रदर्शन था, जिन्हें निर्वाचन आयोग सुनवाई के नाम पर प्रताड़ित कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “मैं केवल उनकी मांगों का समर्थन करने और यह अनुरोध करने के लिए वहां मौजूद था कि हमारे बीएलए को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैध मतदाताओं को अयोग्य घोषित न किया जाए।”
निर्वाचन आयोग के सूत्र के अनुसार, बाद में मुरुगन को उस समय भी प्रदर्शनकारियों के गुस्सा का सामना करना पड़ा, जब वह पास के एक सुनवाई स्थल से बाहर निकल रहे थे।
मुरुगन ने कहा, “मैं निर्वाचन आयोग की ओर से सौंपा गया काम करने के लिए यहां आया हूं और मैं उसे पूरा करूंगा, चाहे कितनी भी बाधा डालने की कोशिश की जाए।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें सुरक्षा संबंधी चिंताएं सता रही हैं, मुरुगन ने कहा, “यह प्रशासन पर निर्भर करता है।”
निर्वाचन आयोग के एक सूत्र ने दावा किया कि एसआरओ को घटनास्थल पर विशेष पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग को अनसुना कर दिया गया।
प्रदर्शनकारियों में शामिल एक गर्भवती महिला ने कहा, “हमें एसआईआर की जरूरत नहीं है। हम नहीं चाहते कि आयोग हमें प्रताड़ित करे। हमें 100 दिनों के काम और ग्रामीण आवास से जुड़ी धनराशि चाहिए, जिसका भुगतान केंद्र सरकार ने रोक दिया है।”
यह पहली बार नहीं है, जब पश्चिम बंगाल में विशेष रोल पर्यवेक्षकों को एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी के दौरान जनता के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। इससे पहले, दक्षिण 24 परगना के फाल्टा और फिर हावड़ा जिले के हलदरपारा में प्रदर्शनकारियों ने विशेष रोल पर्यवेक्षकों का घेराव किया था।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसआरओ से सोमवार की घटना के सिलसिले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी और उसे निर्वाचन आयोग के पास भेजा जाएगा।
भाषा पारुल माधव
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