चंडीगढ़, 25 सितंबर (भाषा) पंजाब विधानसभा के 26 से 29 सितंबर तक चलने वाले विशेष सत्र के हंगामेदार रहने का अनुमान है, क्योंकि विपक्षी दल राज्य में हाल में आई बाढ़ के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को घेर सकते हैं।
मान ने पहले कहा था कि पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र हाल में आई बाढ़ से हुए नुकसान से संबंधित नियमों में ‘लोकोन्मुखी’ संशोधन लाने पर केंद्रित होगा।
उन्होंने यह भी कहा था कि बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे से संबंधित नए कानून भी सत्र के दौरान पेश और अनुमोदित किए जाएंगे।
कार्यक्रम के अनुसार, सत्र सुबह 11 बजे शुरू होगा। सत्र के दौरान ‘पंजाब के पुनर्वास’ विषय पर चर्चा होगी। 27 और 28 सितंबर को सप्ताहांत होने के कारण कोई बैठक नहीं होगी। 29 सितंबर को ‘पंजाब के पुनर्वास’ पर आगे चर्चा होगी।
पंजाब को भयानक बाढ़ का सामना करना पड़ा है। इसका मुख्य कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का उफान पर आना था, साथ ही हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में उनके जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बरसाती नदियां भी उफान पर थीं। इसके अलावा, पंजाब में हुई भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया।
बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला, पठानकोट, होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का और तरन तारन थे।
हाल में आई बाढ़ में कुल 57 लोगों की जान चली गई और पांच लाख एकड़ से ज़्यादा फसलें बर्बाद हो गईं।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार लगभग 13,800 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह कोटली ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसने बाढ़ से बचाव के लिए पहले से कोई उपाय नहीं किए थे।
भाषा नोमान अविनाश
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