उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय का आदेश रद्द किया

उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय का आदेश रद्द किया

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 06:58 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 06:58 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें विवाह का झूठा झांसा देकर एक महिला से बलात्कार करने के आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पत्नी को तब तक देश में रहने का निर्देश दिया गया था जब तक आरोपी विदेश में नौकरी करने का इच्छुक है।

न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आलोक आराधे की पीठ ने आरोपी द्वारा दिए गए इस हलफनामे को रिकॉर्ड में दर्ज किया कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रत्येक सुनवाई में उपस्थित रहेगा।

इंजीनियर की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी दुबे ने बताया कि उनके मुवक्किल की पत्नी न तो आरोपी है और न ही इस मामले में पक्षकार है।

दुबे ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा यह आदेश दिए जाने की तारीख को अपीलकर्ता की पत्नी भारत में भी नहीं थीं, क्योंकि वह अमेरिका में कार्यरत है।

पीठ ने अपीलकर्ता के हलफनामे का जिक्र करते हुए अपने आठ अगस्त, 2025 के आदेश में कोई बदलाव करने से इनकार किया।

उच्चतम न्यायालय ने आठ अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी और आरोपी को विदेश यात्रा के लिए दो लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया था।

याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने ‘‘प्रक्रिया’’ का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए, अमेरिका में कार्यरत इंजीनियर की पत्नी की सुनवाई किए बिना या उसे पक्षकार बनाए बिना, और इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए कि वह आपराधिक मामले का हिस्सा नहीं थी, उसे भारत में ही रहने का निर्देश दिया।

अजमेर के क्रिश्चियनगंज पुलिस थाने में उक्त इंजीनियर के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया, क्योंकि आरोप है कि वह एक वैवाहिक वेबसाइट पर शिकायतकर्ता से मिला और शादी का वादा करके चार साल तक उससे संबंध बनाए।

भाषा शफीक सुरेश

सुरेश