बीएस-चार और इससे कम के सभी सार्वजनिक वाहनों को हटाने के एनजीटी के आदेश पर न्यायालय की रोक

बीएस-चार और इससे कम के सभी सार्वजनिक वाहनों को हटाने के एनजीटी के आदेश पर न्यायालय की रोक

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  • Publish Date - December 10, 2022 / 06:10 PM IST,
    Updated On - December 10, 2022 / 06:10 PM IST

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें बीएस-चार (भारत चरण चार) और इससे कम के इंजन वाले सभी सार्वजनिक वाहनों को अगले छह महीनों में हटाने के लिए कहा गया है।

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने इस मामले में पक्षकारों को नोटिस जारी करके पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर याचिका पर उनसे जवाब मांगा है।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें कि बीएस-चार और इसके नीचे के इंजन वाले सार्वजनिक वाहन छह महीनों में बाहर कर दिये जायें ताकि कोलकाता और हावड़ा समेत राज्यभर में केवल बीएस-छह वाहन चल सकें।

पश्चिम बंगाल सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि 24 अक्टूबर, 2018 को दिये गये आदेश पर अदालत के निर्देश के तहत उत्सर्जन मानक भारत स्टेज-चार की पुष्टि किये बिना कोई वाहन ना तो बेचा जाएगा और ना ही इसका देश में एक अप्रैल 2020 के बाद से पंजीकरण किया जाएगा।

पीठ ने कहा कि 15 साल की अवधि की गणना पंजीकरण की तिथि से करनी चाहिए, अन्यथा यह वाहनों को 15 साल से कम अवधि में निष्प्रयोज्य बना देने के बराबर होगा। इसके साथ ही पीठ ने आदेश पर रोक लगा दी।

एनजीटी की पूर्वी पीठ ने कहा था कि 15 साल से अधिक पुराने निजी और व्यावसायिक वाहन बड़ी संख्या में कोलकाता और हावड़ा में संचालित किये जा रहे हैं जो प्रदूषण फैला रहे हैं।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश