असम में एक संदिग्ध माओवादी पुलिस मुठभेड़ में ढेर

असम में एक संदिग्ध माओवादी पुलिस मुठभेड़ में ढेर

असम में एक संदिग्ध माओवादी पुलिस मुठभेड़ में ढेर
Modified Date: October 25, 2025 / 02:22 pm IST
Published Date: October 25, 2025 2:22 pm IST

कोकराझार, 25 अक्टूबर (भाषा) असम के कोकराझार जिले में रेलवे की पटरी पर हाल में हुए परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) विस्फोट में कथित रूप से संलिप्त एक संदिग्ध माओवादी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कोकराझार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पुष्पराज सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बृहस्पतिवार को कोकराझार में हुए विस्फोट को अंजाम देने वाले उग्रवादियों का पता लगाने के लिए नदंगुड़ी में शुरू किए गए एक अभियान के दौरान यह मुठभेड़ हुई।

सिंह ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली थी कि इलाके में कुछ उग्रवादी छिपे हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जब हमारे जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो वे भाग गए। घटनास्थल की तलाशी के दौरान एक उग्रवादी घायल अवस्था में मिला जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’

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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक पिस्तौल, दो हथगोले, एक वोटर कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान अपिल मुर्मू उर्फ ​​रोहित मुर्मू (40) के रूप में हुई है जो असम और झारखंड में कई उग्रवादी गतिविधियों से कथित तौर पर जुड़ा था।

सिंह ने बताया, ‘‘ एक संयुक्त अभियान के तहत झारखंड से एक पुलिस दल हाल में उसे पकड़ने के लिए कोकराझार पहुंचा था। वह कथित तौर पर 2015 से हिंसक गतिविधियों में सक्रिय था। वह असम और झारखंड दोनों राज्यों में रहता था।’’

उन्होंने बताया कि अपिल अक्टूबर 2024 में झारखंड में एक ट्रेन में हुए विस्फोट में कथित रूप से संलिप्त था।

सिंह ने कहा, ‘‘कोकराझार में रेलवे लाइन पर विस्फोट भी इसी तरह किया गया था। हमें कोकराझार विस्फोट में भी उसकी संलिप्तता का संदेह है।’’

कोकराझार जिले में बृहस्पतिवार को रेलवे लाइन पर अज्ञात बदमाशों द्वारा आईईडी विस्फोट किए जाने के बाद लोअर असम और उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों में रेल सेवाएं बाधित हो गईं थीं।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच से पता चला कि मारा गया उग्रवादी, झारखंड में रोहित मुर्मू और असम के कचुगांव ग्राहमपुर इलाके में अपिल मुर्मू के नाम से रहता था।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘मुर्मू पहले उग्रवादी संगठन ‘नेशनल सोशलिस्ट लिबरेशन आर्मी’ (एनएसएलए) से भी जुड़ा था। समूह के आत्मसमर्पण के बाद वह झारखंड भाग गया और वहां एक नया संगठन बनाया व उसका कमांडर बन गया। बाद में उसने नक्सली समूहों से संपर्क किया और अपने उग्रवादी अभियानों के नेटवर्क का विस्तार किया।’’

उन्होंने बताया कि मुर्मू के सहयोगियों का पता लगाने और आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी है।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि मुठभेड़ स्थल पर करीब 10 उग्रवादी मौजूद थे।’’

भाषा

प्रचेता खारी

खारी


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