अहमदाबाद, चार नवंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को यहां एक निचली अदालत को सूचित किया कि उन्होंने अपने खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले के स्थानांतरण का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और वहां विषय पर छह नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने अपने वकील के मार्फत अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में पेशी से छूट देने का अनुरोध किया है। अदालत ने उनकी कथित टिप्पणी, ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’ को लेकर एक आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को उन्हें तलब किया था।
अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और दो दिसंबर के लिए इसकी सुनवाई निर्धारित की।
शिकायतकर्ता हरीश मेहता के वकील ने दलील दी कि चूंकि विषय पर अब तक उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई नहीं की है और कोई निर्देश जारी नहीं किया है, इसलिए निचली अदालत को तेजस्वी की अनुपस्थिति में मामले की सुनवाई जारी रखनी चाहिए।
शनिवार को, पेशी से छूट के लिए दिये गए आधार में यह बताया गया है कि आज के दिन तेजस्वी की आधिकारिक कार्यक्रम में व्यस्तता है, साथ ही उन्होंने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 406 के तहत शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
राजद नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध मुकदमों की सूची के अनुसार, उक्त स्थानांतरण याचिका छह नवंबर के लिए सूचीबद्ध है।
इस याचिका में तेजस्वी ने कहा है कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं तथा पटना में अपने आधिकारिक पते पर निवास करते हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, अर्जीकर्ता-आरोपी इस अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही में, आवश्यक व आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के कारण शामिल नहीं हो सके हैं। इनमें आम लोगों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख शामिल है, जो आगामी त्योहारों के मद्देनजर आवश्यक है।’’
भाषा सुभाष पवनेश
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