हैदराबाद, तीन अप्रैल (भाषा) हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) की सीमा से लगी 400 एकड़ भूमि को विकसित करने और वहां सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पार्क स्थापित करने की तेलंगाना सरकार की योजना के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने बृहस्पतिवार को क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की।
हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (यूओएचएसयू) के उपाध्यक्ष आकाश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की गई, जिसमें परिसर में ‘पेड़ों को काटे जाने’ से रोकने, भारी मशीनों को हटाने और परिसर से पुलिसकर्मियों को वापस भेजने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि कक्षाओं का बहिष्कार भी जारी है, हालांकि यह स्वैच्छिक है।
यूओएचएसयू और इससे संबद्ध अन्य संघों तथा दलों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन और कक्षाओं के बहिष्कार करने का ऐलान किया था।
यूओएचएसयू के प्रतिनिधियों ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और यूओएच में कथित भूमि अतिक्रमण को दूर करने के लिए मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
यूओएच को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) के तौर पर भी जाना जाता है।
इस बीच, विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बृहस्पतिवार को हिरासत में ले लिया।
एबीवीपी के एक सदस्य ने सरकार से 400 एकड़ जमीन की नीलामी का फैसला वापस लेने की मांग की।
एक छात्र साई निशांत ने बताया कि एबीवीपी से संबद्ध छात्रों ने विश्वविद्यालय में धरना शुरू किया है।
छात्र संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उक्त भूमि पर प्रस्तावित विकास परियोजनाओं का विरोध किया है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर 400 एकड़ भूमि पर इको पार्क स्थापित करेगी और जैव विविधता को संरक्षित करेगी।
छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन 31 मार्च को उस समय तेज हो गया जब सरकार ने कहा कि उक्त भूमि उसकी है, विश्वविद्यालय की नहीं।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटी 400 एकड़ भूमि पर सभी कार्य एक दिन के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया।
भाषा यासिर पवनेश
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