Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: ‘स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले समाज पर दाग लगाना चाहती है सरकार’, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र पर लगाए आरोप

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha:  लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 02:38 PM IST,
    Updated On - April 2, 2025 / 02:51 PM IST

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha/ Image Credit: Sansad TV

HIGHLIGHTS
  • लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है।
  • केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया।
  • सांसद गौरव गोगोई ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर कहा कि केंद्र सरकार पर मुस्लिस समाज पर दाग लगाना चाहती है।

नई दिल्लीः Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सबको बहुत डिटेल में जाने की कमेटी के बारे में कोई आवश्यकता नहीं है। इस बार कमेटी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को मिलाकर बनी है। आज तक संसदीय इतिहास में इतनी व्यापक चर्चा नहीं हुई और समय इतना कभी नहीं दिया गया। जो-जो सदस्य इस कमेटी में थे, उनको धन्यवाद देना चाहता हूं। 97 लाख 27 हजार के करीब याचिकाएं आईं। ये सुझाव, एप्लीकेशन और मेमोरेंडम के रूप में थीं। कभी भी इससे ज्यादा संख्या में किसी बिल पर लोगों की याचिकाएं नहीं आईं। 284 डेलीगेशन ने कमेटी के सामने अपनी बात रखी और सुझाव दिए।

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सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर साधा निशाना

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोकसभा में चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पर मुस्लिस समाज पर दाग लगाना चाहती है। सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि, भाजपा सरकार भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले, गल पांडे के साथ शहादत देने वाले, जिस कौम के 2 लाख से ज़्यादा उलेमा शहीद हुए, जिस कौम ने महात्मा गांधी की दांडी मार्च का समर्थन किया उनका और जिन लोगों ने 1926 में अंग्रेजों के ‘डिवाइड एंड रूल’ का विरोध किया ऐसे मुस्लिम समाज पर दाग लगाना चाहती है। गौरव गोगोई ने आगे कहा कि, जब RSS के लोग ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का विरोध कर रहे थे और माफीनामा लिख रहे थे, तब ये समाज देश के लिए लड़ाई लड़ रही थी।

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रिजिजू ने श़ेर में कहा- ज़मीं का दर्द कभी आसमां न समझेगा

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: किरेन रिजिजू ने कहा कि कई लीगल एक्सपर्ट, कम्युनिटी लीडर्स, धार्मिक लीडर्स और अन्य लोगों ने कमेटी के सामने अपने सुझाव रखे। पिछली बार जब हमने बिल पेश किया था, तब भी कई बातें बताई थीं। मुझे उम्मीद ही नहीं, यकीन है कि जो इसका विरोध कर रहे हैं, उनके हृदय में बदलाव होगा और वे बिल का समर्थन करेंगे। मेरे मन की बात कहना चाहता हूं…. किसी की बात कोई बद-गुमाँ न समझेगा, ज़मीं का दर्द कभी आसमां न समझेगा। किसी ने कहा कि ये प्रावधान गैर संवैधानिक हैं। किसी ने कहा कि गैर-कानूनी है। यह नया विषय नहीं है। आजादी से पहले पहली बार बिल पास किया गया था। इससे पहले वक्फ को इनवैलिडेट (अवैध करार) किया था। 1923 में मुसलमान वक्फ एक्ट लाया गया था। ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटिबिलिटी का आधार देते हुए एक्ट पारित किया गया था।

‘जिससे लेना-देना नहीं, उसका जिक्र कर लोगों को बरगला रहे’

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आजादी के बाद 1954 में वक्फ एक्ट पहली बार बना। उस समय स्टेट वक्फ बोर्ड का भी प्रावधान किया गया था। उस वक्त से कई संशोधनों के बाद 1995 में वक्फ एक्ट बना। उस वक्त किसी ने नहीं कहा कि ये गैरसंवैधानिक है। आज जब हम उसी बिल को सुधारकर ला रहे हैं तो आप कह रहे हैं कि यह गैरसंवैधानिक है। आप सबकुछ छोड़कर जिसका लेना-देना नहीं है, उसका जिक्र कर आप लोगों को बरगला रहे हैं। अगर वक्फ का निर्णय किसी को स्वीकार नहीं तो ट्रिब्यूनल जा सकते हैं। 5 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी के लिए एक अफसर नियुक्त किया जाएगा।

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पहले संसद की बिल्डिंग को भी वक्फ ने क्लेम किया था: रिजिजू

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha:  केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि 2014 में हम सब चुनाव में थे। उससे पहले 2013 में कुछ कदम उठाए गए। जिन्हें एक नागरिक और सदस्य के रूप में आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि ये कदम क्यों उठाया गया। पहला था कि कोई भले ही किसी धर्म का हो कि कोई भी वक्फ क्रिएट कर सकता है। शिया बोर्ड में शिया रहेंगे, सुन्नी में सुन्नी रहेंगे, ऐसा आपने प्रावधान किया था। एक प्रावधान आया था कि वक्फ बोर्ड का जो प्रावधान है, इस देश में कोई भी मौजूदा कानून है, यह (वक्फ) उसके ऊपर रहेगा। इस देश में ऐसा कानून कैसे मंजूर कर सकते हैं? 2013 में जो बिल पास हुआ, उस पर ताज्जुब हुआ। 1970 से दिल्ली में एक केस चल रहा था। दिल्ली की कई प्रॉपर्टी पर वक्फ ने दावा किया। इसमें पार्लियामेंट बिल्डिंग भी थी। 123 प्रॉपर्टी यूपीए सरकार ने वक्फ को दे दी थी। आज ये संशोधन नहीं लाते तो संसद की इमारत को भी क्लेम किया जा रहा था। यूपीए की सरकार जारी रहती तो क्या-क्या प्रॉपर्टी पर दावा किया गया था। सभी को डी-नोटिफाई कर दिया जाता।

मस्जिद के मैनेजमेंट में दखलंदाजी का प्रावधान नहीं कर रहे- रिजिजू

रिजिजू ने कहा कि किसी भी तरीके से वक्फ बोर्ड वक्फ प्रॉपर्टी को मैनेज नहीं करता। सबको बोलने का मौका मिलेगा, आप लोग पहले शांति से बात तो सुन लीजिए। कुछ केस आपको बताना चाहता हूं। संविधान कहता है कि न तो सरकार किसी भी धार्मिक व्यवस्था में दखलंदाजी कर सकती है, न ही वक्फ किसी भी धार्मिक व्यवस्था में हाथ डाल सकता है। ये लोग संविधान को ही नहीं मानते। हम किसी भी मस्जिद के मैनेजमेंट में दखलंदाजी का प्रावधान नहीं कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड का प्रावधान किसी मस्जिद-मंदिर की धार्मिक व्यवस्था से लेना-देना नहीं है, सिर्फ प्रॉपर्टी के मैनेजमेंट का मसला है।

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हम वक्फ बोर्ड को सेक्युलर बनाना चाहते हैं- रिजिजू

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha:  किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में इलेक्शन में कुछ ही दिन बचे थे। 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। चुनाव में कुछ दिन चुनाव में बाकी थे, आप इंतजार करते। आपने सोचा कि वोट मिलेंगे, लेकिन आप चुनाव हार गए। आपने कहा था कि कोई भी भारतीय वक्फ क्रिएट कर सकता है। इस बात को हमने फिर से रिवाइव कर दिया है कि वक्फ वही क्लेम कर सकता है, जो कम से कम 5 साल इस्लाम धर्म को मानता है। वक्फ बोर्ड को सेक्युलर बनाना चाहते हैं। अब वक्फ में शिया भी रहेंगे, सुन्नी भी रहेंगे, बोहरा भी रहेंगे, मुस्लिम बैकवर्ड क्लास भी रहेगा, एक्सपर्ट नॉन मुस्लिम रहेंगे, महिलाएं भी रहेंगी। वक्फ बोर्ड के मेंबर 4 नॉन मुस्लिम हो सकते हैं, 2 महिलाएं होनी ही चाहिए।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 क्या है?

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 एक नया विधेयक है जिसे लोकसभा में पेश किया गया है। यह वक्फ बोर्ड की संरचना और प्रॉपर्टी प्रबंधन में सुधार लाने का उद्देश्य रखता है। इसमें वक्फ बोर्ड को अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के तहत वक्फ बोर्ड की संरचना में क्या बदलाव होंगे?

इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड को सेक्युलर बनाने की योजना है, जिसमें शिया, सुन्नी, बोहरा समुदाय के प्रतिनिधि, मुस्लिम बैकवर्ड क्लास और गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ भी सदस्य होंगे। इसके अलावा, महिलाओं को भी बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिलेगा।

क्या वक्फ संशोधन विधेयक 2025 से मस्जिदों के प्रबंधन पर कोई असर पड़ेगा?

नहीं, वक्फ संशोधन विधेयक 2025 मस्जिदों के धार्मिक प्रबंधन में कोई दखलंदाजी नहीं करेगा। यह केवल वक्फ प्रॉपर्टी के प्रबंधन से संबंधित है, न कि किसी धार्मिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करता है।

क्या वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के अंतर्गत कोई कानूनी विवाद हो सकता है?

इस विधेयक के तहत, यदि किसी को वक्फ प्रॉपर्टी के संबंध में कोई विवाद होता है, तो वह ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है। विधेयक में प्रॉपर्टी के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए प्रावधान किए गए हैं।

क्या वक्फ संशोधन विधेयक 2025 संविधान के खिलाफ है?

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह स्पष्ट किया है कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 संविधान के अनुरूप है और इसमें किसी भी धार्मिक व्यवस्था में दखलंदाजी नहीं की जा रही है। यह केवल वक्फ प्रॉपर्टी के प्रबंधन और बोर्ड की संरचना में सुधार लाने के लिए है।