जिस घर से जितना अधिक कचरा निकलेगा, उतना ही अधिक लगेगा यूजर चार्ज!

राजधानी दिल्ली में अब कचरे के आधार पर लोगों को चार्ज देना होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने दिल्ली-एनसीआर में सफाई व्यवस्था को लेकर जो रीजनल प्लान-2041 ड्राफ्ट तैयार किया है, उसे अगर लागू किया जाता है, तो जिस घर से जितना कचरा निकलेगा, उसे उतना ही अधिक यूजर चार्ज भी देना होगा।

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  • Publish Date - January 8, 2022 / 05:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अब कचरे के आधार पर लोगों को चार्ज देना होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने दिल्ली-एनसीआर में सफाई व्यवस्था को लेकर जो रीजनल प्लान-2041 ड्राफ्ट तैयार किया है, उसे अगर लागू किया जाता है, तो जिस घर से जितना कचरा निकलेगा, उसे उतना ही अधिक यूजर चार्ज भी देना होगा। यानी कम कूड़ा निकलने पर यूजर चार्ज कम और अधिक पर अधिक देना होगा।

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फिलहाल अभी प्रॉपर्टी का दायरा जितना बड़ा है, उसे उतना अधिक यूजर चार्ज देना पड़ता है। लेकिन, प्लानिंग बोर्ड इसके पक्ष में नहीं है। सॉलिड वेस्ट के ड्राफ्ट रिजनल प्लान-2041 में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के शहरों से रोजाना करीब 20,099 मीट्रिक टन कूड़ा जनरेट होता है। तीनों एमसीडी एरिया, दिल्ली कैंट बोर्ड और एनडीएमसी एरिया को मिलाकर रोजाना करीब 13,250 मीट्रिक टन, हरियाणा के शहरों से 2514.88, उत्तर प्रदेश के एनसीआर शहरों से 3830.40 मीट्रिक टन और राजस्थान के एनसीआर शहरों से 504 टन कूड़ा निकलता है।

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दिल्ली-एनअसीआर के इन शहरों से रोजाना इतनी अधिक मात्रा में निकलने वाले कूड़े को लैंडफिल साइट पर ले जाना समाधान नहीं है, बल्कि उस कूड़े का 90 प्रतिशत हिस्से का बेहतर री-यूज होना चाहिए। 10 प्रतिशत कूड़ा ही लैंडफिल साइट पर जाना चाहिए, ताकि भविष्य में गाजीपुर, भलस्वा या ओखला में बने कूड़े के पहाड़ की तरह कहीं और कूड़े का पहाड़ न बने।

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ड्राफ्ट रीजनल प्लान में दिल्ली और एनसीआर की लोकल बॉडी (नगर निगम) को यह भी सुझाव दिया गया है कि कूड़े के लिए यूजर चार्ज कलेक्ट करें। लेकिन, यह चार्ज कूड़े की मात्रा के अनुसार होना चाहिए। यानी जिस घर से जितना अधिक कूड़ा निकलता है, उससे उतना अधिक चार्ज देने की पॉलिसी सभी लोकल बॉडी को बनानी चाहिए।