इस्लाम कबूल करना चाहते थे मंदिर के पुजारी, इस प्रथा के डर से पीछे खींचा कदम, जानिए क्यों काट दिया जाता है शरीर का ये अंग

Hindu priest wanted to change religion: इस्लाम धर्म अपनाना चाहते थे मंदिर के पुजारी, इस प्रथा के डर से पीछे खींचा कदम

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  • Publish Date - August 23, 2022 / 01:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

Hindu priest wanted to change religion: बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हाल ही में एक हिंदू पुजारी ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म को अपनाने की घोषणा की थी। लेकिन खतना प्रथा के डर से पंडित जी ने अपने पैर पीछे खींच लिए। दरअसल, हिंदू पुजारी ने खतना प्रथा के डर से अब अपना मन बदल लिया है। पुजारी का कहना है कि मैं इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानता था। मेरा घर उस क्षेत्र में स्थित था जहां कई मुसलमान रहते थे और कई दोस्त वहां रहते थे। इसलिए, मैंने अपना धर्म बदलने का फैसला किया था।

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इस निर्णय को बताया निराशाजनक

Hindu priest wanted to change religion: चंद्रशेखरैया ने कहा क‍ि सनातन हिंदू धर्म सर्वोच्च है। मुझे एहसास हुआ कि इस्लाम में परिवर्तित होने का मेरा निर्णय गलत था। अज्ञान दूर हो गया है, धर्म बदल जाने पर कोई ‘मुक्ति’ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक संतों की ओर से हिंदू धर्म में वापस स्वागत किए जाने के बाद वह शांति से हैं। चंद्रशेखरैया ने कहा कि जन्म के बाद से, उनकी विचार प्रक्रिया और जीवन शैली हिंदू धर्म के साथ तालमेल बिठाती है और उन्होंने जल्दबाजी में लिए गए निर्णय से निराश महसूस किया है।

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खतना प्रथा के डर से पीछे खींचे पैर

Hindu priest wanted to change religion: एचआर चंद्रशेखरैया ने बताया क‍ि मैं मधुमेह से पीड़ित हूं। मैं यह जानकर डर गया कि रूपांतरण (सनातन यानी हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिन धर्म अपनाना) के समय ‘खतना’ किया जाएगा। मैं इसके संभावित परिणामों से डर गया और अंत में हिंदू धर्म में वापस रहने का फैसला किया। उन्होंने कहा क‍ि मैं विरासत (उत्तराधिकार) के विवाद से आहत था। रिश्तेदारों ने खुद को मुझसे दूर कर लिया। चूंकि, मैं एक वृद्ध व्यक्ति हूं, इसलिए मुझे ऐसा लग रहा था कि वे परंपराओं के अनुसार मेरा अंतिम संस्कार नहीं करेंगे और मैंने कानूनी रूप से इस्लाम में परिवर्तित होने का फैसला किया।

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एड देकर किया था खुद का नामांकरण

Hindu priest wanted to change religion: 61 साल के एक मंदिर के पुजारी चंद्रशेखरैया ने पहले धर्म परिवर्तन के अपने फैसले की घोषणा की थी और इस संबंध में एक विज्ञापन भी जारी किया था। पुजारी ने अपना नाम मुबारक पाशा भी रखा। चंद्रशेखरैया की टोपी पहने और नमाज अदा करने की तस्वीरों ने इसे एक सांप्रदायिक मुद्दा बना दिया था। भाजपा के पूर्व मंत्री सोगडू शिवन्ना उनके घर पहुंचे और लंबी चर्चा की। शिवन्ना ने धार्मिक संतों के माध्यम से उनके लिए ‘घर वापसी’ (पुन: रूपांतरण) कार्यक्रम की भी व्यवस्था की।

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