Third wave of covid 19 in india : अक्टूबर-नवंबर में चरम पर होगी तीसरी लहर’.. अगर गाइडलाइन का नहीं किए पालन, वैज्ञानिकों ने और क्या कहा.. जानिए

Third wave of covid 19 in india : अक्टूबर-नवंबर में चरम पर होगी तीसरी लहर'.. अगर गाइडलाइन का नहीं किए पालन, वैज्ञानिकों ने और क्या कहा.. जानिए

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  • Publish Date - July 4, 2021 / 04:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

Third wave of covid 19 in india

नई दिल्ली । देश और दुनिया में कोरोना का कहर टूटा है। इस बीच नए वेरिएंट डेल्टा+ भी फैलने लगा है। कोरोना की दूसरी लहर ही लोगों की जान पर भारी पड़ा था ऐसे में तीसरी लहर की चिंता ने लोगों को परेशान कर दिया है। एक सरकारी समिति के एक वैज्ञानिक की माने तो कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है, तो कोरोना वायरस की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर के बीच चरम पर पहुंच सकती है, लेकिन दूसरी लहर के दौरान दर्ज किए गए दैनिक मामलों के आधे मामले देखने को मिल सकते हैं।

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पिछले साल गणितीय मॉडल का उपयोग कर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए समिति का गठन किया था। समिति में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक अग्रवाल के अलावा आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिक एम विद्यासागर और एकीकृत रक्षा स्टाफ उप प्रमुख (मेडिकल) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर भी हैं।

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‘सूत्र मॉडल’ या कोविड-19 के गणितीय अनुमान पर काम कर रहे मनिंद्र अग्रवाल ने यह भी कहा कि यदि वायरस का कोई नया स्वरूप उत्पन्न होता है तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है।

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इस समिति को कोविड की दूसरी लहर की सटीक प्रकृति का अनुमान नहीं लगाने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा था। अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर का अनुमान जताते समय प्रतिरक्षा की हानि, टीकाकरण के प्रभाव और एक अधिक खतरनाक स्वरूप की संभावना को कारक बताया गया है, जो दूसरी लहर की मॉडलिंग के दौरान नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रकाशित की जाएगी।

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उन्होंने कहा, ‘हमने तीन परिदृश्य बनाए हैं। एक ‘आशावादी’ है। इसमें, हम मानते हैं कि अगस्त तक जीवन सामान्य हो जाता है, और वायरस का कोई नया स्वरूप नहीं होगा। दूसरा ‘मध्यवर्ती’ है। इसमें हम मानते हैं कि आशावादी परिदृश्य धारणाओं के अलावा टीकाकरण 20 प्रतिशत कम प्रभावी है।’

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एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि , ‘तीसरा ‘निराशावादी’ है। इसकी एक धारणा मध्यवर्ती से भिन्न है- अगस्त में एक नया, 25 प्रतिशत अधिक संक्रामक उत्परिवर्तित स्वरूप फैल सकता है (यह डेल्टा प्लस नहीं है, और डेल्टा से अधिक संक्रामक नहीं है)। अग्रवाल द्वारा साझा किए गए ग्राफ के अनुसार, अगस्त के मध्य तक दूसरी लहर के स्थिर होने की संभावना है, और तीसरी लहर अक्तूबर और नवंबर के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है।