नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ऋण प्राप्त करने के लिए द्वारका स्थित संपत्ति के जाली दस्तावेजों का उपयोग करके एक सरकारी बैंक से चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक कंपनी के निदेशक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यहां एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
ईओडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि आरोपियों की पहचान निजी कंपनी के निदेशक जतिन प्रसाद समेत उसके सहयोगी राजेंद्र कुमार उर्फ राजा तथा संदीप सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि तीनों ने द्वारका के सेक्टर 12 में स्थित एक व्यक्ति की संपत्ति के फर्जी स्वामित्व और पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करके गुरुग्राम के एमजी रोड स्थित सरकारी बैंक से चार करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा प्राप्त कर ली।
जांच के दौरान यह सामने आया कि संदीप सिंह संपत्ति का वास्तविक मालिक राहुल चौधरी का वेश धारण करने के बाद जाली पैन तथा आधार कार्ड का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से कंपनी का निदेशक बन गया।
पुलिस ने कहा, ‘‘इसके बाद आरोपी ने बैंक से संपर्क किया और संपत्ति के जाली कागजात को गिरवी रख दिया। स्वीकृत राशि को बाद में फर्जी कंपनियों और व्यक्तिगत खातों के माध्यम से निकाल लिया गया।’’
पुलिस ने बताया कि सह-आरोपी राजेंद्र कुमार ने फर्जी दस्तावेज और वेश बदलकर पेश आने वाले लोगों की व्यवस्था करने में अहम भूमिका निभाई तथा उसका आपराधिक इतिहास भी है।
बयान में कहा गया है कि राजेंद्र और संदीप सिंह को कथित तौर पर कमीशन के तौर पर लगभग 60 लाख रुपये दिए गए।
पुलिस की एक टीम ने हरियाणा के कैथल और हिसार से राजेंद्र कुमार तथा संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस बाकी के धन का पता लगाने में जुटी है।
भाषा यासिर संतोष
संतोष