अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण के तहत पेंच से तीन वर्षीय बाघिन को राजस्थान भेजा गया

अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण के तहत पेंच से तीन वर्षीय बाघिन को राजस्थान भेजा गया

अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण के तहत पेंच से तीन वर्षीय बाघिन को राजस्थान भेजा गया
Modified Date: December 21, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: December 21, 2025 10:27 pm IST

सिवनी (मध्यप्रदेश), 21 दिसंबर (भाषा) अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण योजना के तहत रविवार को मध्यप्रदेश के पेंच बाघ अभयारण्य से एक बाघिन को ‘एयरलिफ्ट’ कर पड़ोसी राज्य राजस्थान के विषधारी बाघ अभयारण्य भेजा गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पिछले 24 दिनों से इस बाघिन (पीएन-224) को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे थे लेकिन सफलता आज मिली।

पेंच बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक रजनीश सिंह ने बताया कि अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण के लिए तीन वर्षीय बाघिन पीएन-224 को जंगल से पकड़ने के बाद सुकतरा हवाई पट्टी से ‘एयरलिफ्ट’ कर राजस्थान ले जाया गया।

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उन्होंने कहा कि यह स्थानांतरण न केवल रामगढ़ विषधारी में बाघों की संख्या बढ़ाएगा, बल्कि विभिन्न ‘टाइगर लैंडस्केप’ के बीच आनुवंशिक विविधता को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिक वन्यजीव प्रबंधन और तकनीकी कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

भारत में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्यप्रदेश में है। राज्य में नौ बाघ अभयारण्य हैं।

स्थानांतरण की रणनीति के तहत बाघों की आबादी में आनुवंशिक विविधता को बढ़ाना शामिल है। इसके लिये अलग-अलग समूहों में नए बाघों को शामिल किया जाता है, जिससे अंतःप्रजनन के जोखिम में कमी आने के साथ प्रजातियों के दीर्घकालिक अस्तित्व को बनाए रखने में मदद मिलती है।

सिंह ने बताया कि सुबह से दोपहर तक कई बार हाथियों से घिरने के बाद बाघिन पकड़ में आई, जिसके बाद उसे बेहोश कर पिंजरे में कैद कर लिया गया और फिर वाहन से सुकतरा हवाई पट्टी लाया गया।

उन्होंने कहा कि पिंजरे में बंद इस बाघिन को वायु सेना के हेलीकाप्टर एमआइ-17 से लगभग शाम छह बजे राजस्थान के विषधारी बाघ अभयारण्य ले जाया गया।

उन्होंने कहा कि बाघिन के साथ अभयारण्य के वन्यप्राणी चिकित्सक डा. अखिलेश मिश्रा के अलावा सहायक संचालक गुरलीन कौर (आइएफएस), रूखड़ रेंजर लोकेश पवार, डब्ल्यूसीटी के वन्यप्राणी चिकित्सक डा. प्रशांत देशमुख एवं राजस्थान से आए वन अधिकारी भी हेलीकाप्टर एमआइ-17 में रवाना हुए।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की टीम को बाघिन की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है।

भाषा सं ब्रजेन्द्र राजकुमार

राजकुमार


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