“समय बताएगा कि यह निर्णय सही है या नहीं”, मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने पर सचिन पायलट ने दिया बड़ा बयान

Sachin Pilot On Milind Deora : मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "हर व्यक्ति को आजादी है कि उसे किस

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  • Publish Date - January 14, 2024 / 06:45 PM IST,
    Updated On - January 14, 2024 / 06:45 PM IST

INDIA Live News & Updates 22nd May 2024

नई दिल्ली : Sachin Pilot On Milind Deora : मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के बयान सामने आए हैं। इसी कड़ी में मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, “हर व्यक्ति को आजादी है कि उसे किस दल में, किस विचारधारा में रहना है। समय बताएगा कि यह निर्णय सही है या नहीं।”

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मिलिंद देवड़ा ने छोड़ी कांग्रेस

Sachin Pilot On Milind Deora :  बता दें कि, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शुरू होने से पहले आज कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा के पूर्व सदस्य देवरा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रविवार को अपने इस्तीफे की पेशकश की।

उन्होंने लिखा, ‘‘आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और इसी के साथ पार्टी से मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। मैं वर्षों तक अटूट समर्थन देने के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।’’

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शिवसेना में शामिल हुए देवड़ा

Sachin Pilot On Milind Deora :  इसके बाद मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में मिलिंद देवड़ा शिवसेना में शामिल हुए। शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा, “ये मेरे लिए बेहद भावुक दिन है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा। आज मैं शिवसेना में शामिल हो गया।”

शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा, “मुझे सुबह से बहुत सारे फोन आ रहे हैं कि मैंने कांग्रेस पार्टी से अपने परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता क्यों तोड़ा। मैं सबसे चुनौतीपूर्ण दशक के दौरान पार्टी के प्रति वफादार रहा। यदि कांग्रेस और यूबीटी ने रचनात्मक, सकारात्मक सुझावों और योग्यता, क्षमता को महत्व दिया होता, तो आज एकनाथ शिंदे और मैं यहां नहीं होते। एकनाथ शिंदे को एक बड़ा फैसला लेना पड़ा, मुझे एक बड़ा निर्णय लेना पड़ा।”

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