तृणमूल, द्रमुक ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और परिसीमन के मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा पर जोर दिया

तृणमूल, द्रमुक ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और परिसीमन के मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा पर जोर दिया

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  • Publish Date - March 18, 2025 / 01:07 PM IST,
    Updated On - March 18, 2025 / 01:07 PM IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने मंगलवार को मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और दक्षिणी राज्यों में लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर राज्यसभा में कार्यस्थगन नियम के तहत चर्चा की मांग खारिज किए जाने के बाद इन मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा पर जोर दिया।

सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा नियम 267 के तहत इन मुद्दों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिसों को खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने कहा कि वे नियम 176 के तहत इन मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि इस बारे में व्यापक सहमति है कि मतदाता फोटो पहचान पत्र के दोहराव वाले अनुक्रमांक (ईपीआईसी) के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा होनी चाहिए।

डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या जारी करने में निर्वाचन आयोग की कथित चूक का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘किसी की मंशा इस सदन को बाधित करने की नहीं है। हम चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले। इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा पर विचार करें।’’

द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के मानदंड के रूप में जनसंख्या को आधार बनाए जाने से संबंधित दक्षिणी राज्यों की चिंताओं पर भी अल्पकालिक चर्चा की जानी चाहिए।

नियम 267 के तहत दिए गए दो नोटिसों को खारिज करते हुए धनखड़ ने कहा कि इन मुद्दों को सत्र में सूचीबद्ध कामकाज के दौरान आसानी से और प्रभावशाली तरीके से उठाया जा सकता है।

उन्होंने तृणमूल नेता की इस टिप्पणी को बहुत सुखद बताया कि कोई भी कार्यवाही को बाधित नहीं करना चाहता। धनखड़ ने कहा कि यदि सदन व्यवस्थित रहता है तो प्रभावी कामकाज होता है और लोगों की अपेक्षाएं पूरी होती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नियमों के मुताबिक विचार-विमर्श से सरकार को भी काफी मदद मिलती है और लोग भी जमीनी हकीकत से अवगत होते हैं।’’

धनखड़ ने कहा कि वह विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अल्पकालिक चर्चा के मुद्दे पर विमर्श करेंगे और जल्द से जल्द सदन को इससे अवगत कराएंगे।

नियम 267 राज्यसभा सदस्य को सभापति की मंजूरी से सदन के पूर्व-निर्धारित एजेंडे को निलंबित करने की विशेष शक्ति देता है। अगर किसी मुद्दे को नियम 267 के तहत स्वीकार किया जाता है तो यह दर्शाता है कि यह आज का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है। नियम 176 किसी विशेष मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा की अनुमति देता है, जो ढाई घंटे तक सीमित होती है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा