जम्मू कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की |

जम्मू कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

जम्मू कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : January 22, 2022/12:15 am IST

श्रीनगर, 21 जनवरी (भाषा) सिविल और सुरक्षा ग्रिड के शीर्ष अधिकारियों ने कश्मीर में शुक्रवार को सुरक्षा स्थिति समीक्षा की और घाटी में शांति बनाए रखने के प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया।

एक रक्षा प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में नागरिक प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों के कोर ग्रुप ने आज बादामी बाग छावनी में कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बैठक की सह-अध्यक्षता चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडेय और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने की।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कोर ग्रुप ने 2021 की खुफिया जानकारी और सुरक्षा मापदंडों की समीक्षा की। वर्ष 2021 में आतंकवादी घुसपैठ में कमी, आतंकवादी घटनाओं में कमी, आतंकवादियों की भर्ती में कमी, एचयूएमआईएनटी के आधार पर अभियान में वृद्धि, एसएफ हताहतों की संख्या में कमी, आतंकवादियों की गिरफ्तारी और आतंकवादियों के सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की घटनाओं में वृद्धि हुई, ये सभी खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संयुक्त अभियानों और गतिविधियों के प्रभावी संचालन की ओर इशारा करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के जवानों और सभी एजेंसियों के कर्मियों के प्रयासों की सभी उपस्थित लोगों ने सराहना की।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कोर ग्रुप ने आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं की ताजा रणनीतियों पर चर्चा की, जिसमें हाइब्रिड आतंकवादियों के इस्तेमाल और आसान लक्ष्यों को निशाना बनाना शामिल है। 2021 में मारे गए 15 आतंकवादी नए चेहरे थे, जो सुरक्षा बलों के रडार पर नहीं थे।’’

उन्होंने कहा कि एसआईए की स्थापना और एनआईए द्वारा मामला दर्ज किये जाने में बढ़ोतरी से केंद्रित खुफिया और जांच प्रयासों का असर दिख रहा है।

प्रवक्ता के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि संघर्षविराम से सीमा पर सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है, हालांकि, पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों और प्रशिक्षण गतिविधियों के खुफिया इनपुट नियंत्रण रेखा पर सतर्क रहने की आवश्यकता का संकेत देते हैं।

उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर देर से हुई हिमपात ने घुसपैठ के रास्ते लंबे समय तक खुले रखे हैं, लेकिन प्रभावी निगरानी ने घुसपैठ में कुल मिलाकर कमी सुनिश्चित की है।

भाषा अमित सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)