‘डिजिटल अरेस्ट’ करके 1.95 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार

'डिजिटल अरेस्ट' करके 1.95 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार

  •  
  • Publish Date - December 29, 2025 / 08:15 PM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 08:15 PM IST

हैदराबाद, 29 दिसंबर (भाषा) पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के माध्यम से हैदराबाद की एक महिला से 1.95 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सोमवार को गुजरात से दो लोगों को गिरफ्तार किया।

पुलिस उपायुक्त वी अरविंद बाबू ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि साइबर अपराध पुलिस ने कथित तौर पर धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आरोपी को पकड़ लिया है।

आरोपी ने कई ‘म्यूल’ बैंक खातों का इस्तेमाल करके ठगी की रकम प्राप्त की और निकाली थी। बाद में हवाला नेटवर्क के जरिए यह धनराशि दुबई स्थित साइबर धोखाधड़ी में लिप्त जालसाजों को हस्तांतरित कर दी गई थी।

‘म्यूल’ बैंक खाते दूसरों के नाम से खुलवाए गए ऐसे बैंक खाते हैं जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी वाली रकम के लेनदेन में किया जाता है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी कई साइबर अपराधों में शामिल रहे हैं और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खाते 22 मामलों से जुड़े हुए हैं।

पीड़िता ने 13 दिसंबर को दर्ज कराई गई शिकायत में कहा कि उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बहाने फंसाया गया था।

उसने बताया कि सरकारी और दूरसंचार विभागों के अधिकारी बनकर कई अज्ञात व्यक्तियों ने उसे फोन किया।

पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने झूठा आरोप लगाया कि उसका पति गंभीर अपराधों में शामिल है और तत्काल गिरफ्तारी की धमकी देकर लोगों में भय और दहशत पैदा कर दी।

अलग-अलग पहचानों का इस्तेमाल करके फर्जी कॉल के जरिए जालसाजों ने उसे करेंसी सीरियल नंबरों के सत्यापन, मामले की पूछताछ और मंजूरी प्रक्रियाओं के बहाने पैसे हस्तांतरित करने का निर्देश दिया।

पुलिस ने बताया, ‘उनके दावों पर विश्वास करके और दबाव में आकर पीड़िता ने अपने बैंक खातों से जालसाजों द्वारा उपलब्ध कराए गए खातों में आरटीजीएस के माध्यम से कुल 1.95 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित कर दी।’

शिकायत के आधार पर साइबर अपराध पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें तीसरे और चौथे आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी से अपराध में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

भाषा

शुभम संतोष

संतोष