आदिवासी युवती के अपहरण-दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों को 20 साल की कैद

आदिवासी युवती के अपहरण-दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों को 20 साल की कैद

आदिवासी युवती के अपहरण-दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों को 20 साल की कैद
Modified Date: January 23, 2024 / 09:46 pm IST
Published Date: January 23, 2024 9:46 pm IST

कोटा (राजस्थान), 23 जनवरी (भाषा) यहां एक एससी/एसटी अदालत ने पांच साल पहले 19 युवती के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को दो लोगों को 20 साल जेल की सजा सुनाई।

सरकारी वकील हितेश जैन ने बताया कि अदालत ने फूलचंद सैन (56) और गोवर्धन मेघवाल उर्फ गोबरिया (26) को जुलाई 2018 में भील समुदाय की पीड़िता का अपहरण और बलात्कार करने का दोषी ठहराया। अदालत ने उन्हें 20 साल जेल की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

दोनों दोषियों ने पीड़िता को तब निशाना बनाया जब वह 12 जुलाई, 2018 की रात को रामपुरा सिटी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत फेथाघरी में अपने भाई से मिलने जा रही थी और उसे सरोवर टॉकीज के निकट अपने दोस्त बबलू सरदार उर्फ जसपाल सिंह के घर ले गए। वहां घर का नौकर भेरूलाल भी मौजूद था।

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चारों लोगों ने उसे शीतल पेय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि विरोध करने पर उन्होंने उसकी जमकर पिटाई भी की।

अगली सुबह चारों ने फिर उस पर हमला किया। जैन ने कहा, पीड़िता की मां और भाई ने उसे घर से बचाया और शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने बताया कि शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (डी) के तहत सामूहिक बलात्कार और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया और आरोप पत्र दाखिल किया।

उन्होंने कहा, मुकदमे के दौरान जनवरी 2021 में बबलू सरदार उर्फ जसपाल सिंह की मृत्यु हो गई, जबकि भेरूलाल को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और दिसंबर 2023 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान 17 गवाहों के बयान दर्ज किये गये।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश


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