हरिद्वार, 14 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन को बीआर आंबेडकर के सपनों का भारत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया।
धामी ने संविधान निर्माता आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आंबेडकर हर नागरिक के लिए समान कानून में विश्वास रखते थे, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से संबंधित हों।
उन्होंने कहा कि आंबेडकर का मानना था कि जब तक सभी के लिए एक समान कानून नहीं होगा, तब तक सामाजिक असमानताएं और विभाजन बने रहेंगे।
धामी ने कहा, “हमने यह भी पाया कि विभिन्न समुदायों के लिए बनाए गए व्यक्तिगत कानून भेदभाव का एक स्रोत थे।”
धामी ने कहा, “इसलिए उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह आंबेडकर के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंबेडकर यूसीसी को सिर्फ कानूनी आवश्यकता के रूप में नहीं देखते थे, बल्कि इसे एक सामाजिक और नैतिक आवश्यकता मानते थे।
धामी ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर महा मंच द्वारा राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए आयोजित धन्यवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “यूसीसी मुस्लिम बेटियों और बहुओं को हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहुविवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति दिलाएगा।”
धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन से महिला सशक्तीकरण का एक नया युग शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि दशकों तक सत्ता में रही कांग्रेस सरकारों ने आंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व को सम्मान देने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने वंचितों और दलितों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। धामी ने कहा कि आंबेडकर को उनकी मृत्यु के कई वर्ष बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित वीपी सिंह सरकार (1990 में) द्वारा मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
धामी ने कहा कि आंबेडकर जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की दशकों पुरानी मांग को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही पूरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ आपातकाल जैसा कठोर कदम कांग्रेस द्वारा देश पर थोपा गया था।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, जब हम राहुल गांधी को संविधान की प्रति हाथ में लेकर घूमते हुए देखते हैं, तो न केवल हंसी आती है, बल्कि दया भी आती है।”
धामी ने कहा कि संविधान निर्माण में बाबा साहब की भूमिका के लिए देश का हर नागरिक आंबेडकर का ऋणी रहेगा।
भाषा जितेंद्र सुरेश
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